जिनसे उंगली पकड़ कर चलना सीखना था वो ही साथ छोड़ कर चल दिये

falsund newsफलसूंड (जी. जोधा) छह माह के मासूम अलाबख्श ने अभी तुतलाती आवाज में बोलना भी शुरू नहीं किया कि उसके मां-बाप उसका साथ छोड़ दुनिया को अलविदा कह गए। जिनकी अंगुली पकड़कर उसे चलना सीखना था, वो मां-बाप अब उसे कभी नहीं मिलेंगे। छह माह के मासूम अलाबख्श की मां समु (20) ने सोमवार रात फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उस वक्त उसका पिता कालूखां (24) पुत्र इब्राहिमखां सउदी अरब था।
वह मंगलवार को अपने घर पहुंचा तथा अपनी पत्नी की आत्महत्या की खबर सुनते ही उसके होश उड़ गए। उसने भी इसी सदमे के चलते मंगलवार रात्रि में घर से कुछ दूरी पर स्थित खेजड़ी के पेड़ से लटककर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली।
परिवार पर टूटा दु:खों का पहाड़
गौरतलब है कि स्वामीजी की ढाणी ग्राम पंचायत मुख्यालय से जैतपुरा जाने वाले मार्ग पर बसी है गांधीरों मुसलमानों की ढाणी। ढाणी में इब्राहिम खां का परिवार रहता है। इब्राहिम खां के दो पुत्र है। बड़े पुत्र का नाम फूसेखां व छोटे पुत्र का नाम कालूखां है। इब्राहिमखां की करीब 12 वर्ष पूर्व मौत हो जाने के बाद उसकी पत्नी राणीखातुन ने जैसे-तैसे मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों को बड़ा किया तथा उनकी शादी की। उसने अपने बच्चों व परिवार के लिए कई सपने संजोए थे, लेकिन काल के चक्र के चलते सब कुछ दो दिन में ही समाप्त हो गया, जब उसकी छोटी पुत्रवधु समू ने सोमवार की रात्रि व पुत्र कालूखां ने मंगलवार की रात्रि में आत्महत्या कर ली।
नहीं थमा दु:खों का सिलसिला
स्वामीजी की ढाणी ग्राम पंचायत के गांधीरों की ढाणी में निवास कर रहे इब्राहिमखां की पत्नी राणीखातुन पर मानो दु:खों का पहाड़ ही गिर पड़ा है। करीब 12 वर्ष पूर्व पति की मौत का दु:ख व बच्चों की परवरिश का जिम्मा उठा रही 60 वर्षीय राणीखातुन को अब दु:खों के दिन समाप्त होने की उम्मीद जगने लगी थी, तभी पुत्र व पुत्रवधु के आत्महत्या कर लेने की घटना ने उसे झकझोर कर रख दिया है। पति की मौत के बाद अपने बच्चों के पालन पोषण व आर्थिक हालातों से जूझते हुए वृद्धा पर अब छह माह के पोते की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई है।

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