मेडिटेशन से तनावमुक्ति के बाद आॅपरेशन का सफर जारी

अजमेर, 26 अप्रेल। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के नेत्रा रोग विभाग में मंगलवार 26 अप्रेल को मरीज¨ं तथा उनके परिजन¨ं के चेहरे पर आॅपरेशन से पूर्व खुशी तथा संतुष्टि के भाव थे । इसका श्रेय जाता है र्हाटफुलनेस आॅरगेनाईजेशन के कार्यकताओं द्वारा किये गये अभिनव नवाचार ‘तमस¨ मा ज्य¨र्तिगमय’ क¨। इसके अन्तर्गत आॅपरेशन से पूर्व मरीज¨ं तथा परिजन¨ं क¨ 30 मिनट का गाईडेड मेडिटेशन करवाया जाता है ।
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के नेत्रा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. राकेश प¨रवाल ने बताया कि संस्थान म­ आने वाले मरीज तथा परिजन अपने मन म­ आॅपरेशन के प्रति तनाव के साथ आते थे । अब मेडिटेशन के पश्चात् जब मरीज¨ं क¨ आॅपरेशन थियेटर म­ लाया गया त¨ उनके अन्दर तनाव लेश मात्रा भी नह° रहता हैं। थियेटर के पास स्थित विश्रामालय म­ मरीज तथा परिजन जब ध्यान शुरू करते ह® त¨ वातावरण म­ असीम शान्ति का अनुभव ह¨ता है, और चिकित्सकों की कार्य क्षमता में भी आध्यात्मिक वातावरण से वृद्धि होती है। ध्यान समाप्ति के पश्चात् सभी ध्यान के दौरान प्राप्त अपने अनुभव¨ं क¨ साझा करते है। शारीरिक स्वास्थ्यता के साथ आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी इस प्रार्थना-ध्यान ने उन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। मन क¨ शांति प्राप्त होने के साथ ही आॅपरेशन का डर जाता रहा।
उन्होंने बताया कि मेडिटेशन का उपय¨ग भारतवर्ष म­ चिरकाल से चला आ रहा है। आध्यात्मिकता धर्म के आगे का मार्ग है, जहाँ लिंग, जाति एवं धर्म के भेद मिट जाते ह® । चिन्ता-मुक्त जीवन व सच्चे प्रेम का रास्ता ध्यान से ह¨कर जाता है। गणतन्त्रा दिवस 26 जनवरी 2016 से शुरू हुआ ‘तमसो मा ज्योर्तिगमय’ प्रोजेक्ट 90 दिवस के पश्चात् अनवरत जारी है। इसमें अब तक एक हजार से अधिक व्यक्तियों को हार्टफुलनेस पद्धति से तनावमुक्त रहने की कला सिखाई जा चुकी है।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज के मेडिटेशन विशेषज्ञ डाॅ. विकास सक्सेना ने बताया कि हृदय हमारे शरीर क¨ रक्त संचार द्वारा प्राणवायु और ऊर्जा प्रदान करने वाला अंग है। हृदय स्थान पर श्रðा, भक्ति और प्रेम के साथ, परमात्मा की अनुभूति करना परमात्मा रूपी प्रेम-जल म­ स्वयं क¨ मछली की तरह डूबे रहने का सा अहसास कराता है। हृदय म­ ईश्वरीय प्रकाश की उपस्थिति के सुविचार से प्रारम्भ करके ध्यान म­ बैठा जा सकता है । इस पðति से मानसिक और आत्मिक शान्ति प्राप्त ह¨ती है । मानव मन तनाव के ब¨झ से मुक्त ह¨कर हल्का ह¨ जाता है। वर्तमान जीवन शैली जन्य द¨ष¨ं के निवारण के लिए व हृदय के लिए भी ध्यान आवश्यक है। यह एक अनुठी पहल है ।

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