sohanpal singhलगता तो नहीं है कि प्रधान मंत्री का “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” हरियाणा के जिस गावँ से आह्वान किया था उसी गावँ के कुछ गुंडे किसम के लोग स्कूल जाने वाली उन बेटियों के साथ गुंडा गर्दी करे और साकार निरपेक्षता से तमाशा देखे? अगर सरकार ईमानदार है तो बेटियों को पढ़ने की सुविधा क्यों नहीं देती क्यों बेटियों को स्कूल छोड़ कर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा जैसा की रिवाड़ी के गावँ सुमखेड़ा की घटना है ? सरकार सुनिश्चित करे की स्कूल जाने वाली लड़कियों को छेड़छाड़ करने वालों गुंडों से सुरक्षा प्रदान करे ?अन्यथा ” बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का आह्वान एक नारा ही न बन जाय ?