ज्ञान गुंडे

अमित टंडन
अमित टंडन
एक तो ये वाहट्स app और FB के ग्रुप भी अपनी अपनी डफली और अपना अपना राग बजाने के अड्डे बन गए गए हैं। दिन भर इधर उधर की (“sorry to say” ) माँ बहन करते रहते हैं और सुबह सुबह “आज का विचार” धर्म की बातें, प्रवचन, ज्ञान वर्धक उद्धरण, मातृत्व दिवस तथा देश भक्ति जैसे मुद्दों पर चुराई हुयी कविताएँ या बड़े बड़े सन्देश भेज देते हैं । और जब सच में किसी सामाजिक मुद्दे पर चर्चा होती है तो “शोले” का “रामगढ़” याद आता है। वो चाचा ने कहा था न ” ये इतना सन्नाटा क्यों है भाई”।
सीधा अर्थ है, अपने विचार किसी के कुछ हैं नहीं, बस copy paste का ज्ञान है, या किसी पार्टी विचारधारा का थोपा हुआ ज्ञान है, बस वही तड़का सुबह शाम ग्रुप में लगा के वाह वाही लूटते रहो।
हर बात की बातें होती हैं
जज़्बात की बातें होती हैं
जिस बात की बातें होनी हैं
उस बात की कोई बात नहीं
जिस बात की कोई बात नहीं
उस बात की बातें होती हैं
शेरो-शायरी अपनी जगह पर घोर लापरवाही के सामाजिक मुद्दों को दरकिनार नही कर सकते
पर ये सोशल साइट्स के नकलची ज्ञानी इन बातों को नहीं समझते…. मेरा भारत महान

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