स्मार्ट सिटी अजमेर – एक सुझाव

ajmer smart cityअजमेर को स्मार्ट सिटी में चयनित करवाने के लिये हमारे सभी राजनेता और प्रषासनिक अधिकारी प्रयासरत हैं। मैं भी चाहता हूं कि हमारा शहर स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित हो और विष्व के नक्षे में अपनी एक अलग पहचान बनावे। इस हेतु स्मार्ट सिटी के लिये मेरे सुझाव निम्न प्रकार से हैंः-
किसी भी शहर के विकास के लिये जरूरी होता है वहां के नागरिकों, प्रषासन और जनप्रतिनिधियों को उस विषय पर गंभीर होना और उसके लिये जमीनी स्तर पर कार्य करना। अजमेर का दुर्भाग्य है कि यहां से केन्द्र व राज्य सरकार में कई मंत्री होते हुये भी अजमेर की यह दुर्दषा हो रही है कि ऐसा लगता है कि अजमेर एक लावारिस शहर है जहां को कोई धणी-धोरी नहीं है।
अजमेर को स्मार्ट सिटी होना चाहिये जिसके लिये सबसे पहले आवष्यक है कि इसकी नोडल एजेंसी नगर निगम को नहीं बनाया जाना चाहिये। जैसा कि अजमेर ही नहीं पूरा राज्य व पूरा देष जानता है कि अजमेर की दुर्दषा करने में नगर निगम का पूरा सहयोग है। जो नगर निगम भ्रष्टाचारियों, अतिक्रमियों, अवैध निर्माणकर्ताओं को संरक्षण देना का कार्य करता है, क्या उससे उम्मीद की जा सकती है कि वो अजमेर को स्मार्ट सिटी की दिषा में ले जायेगा। नगर निगम से वर्तमान कार्य व्यवस्था संभाली नहीं जाती है। पूरा शहर गंदगी, अतिक्रमण, अवैध निर्माण से अटा पडा है। कुछ महीनों पूर्व करोडों रू लगाकर पूरे शहर में एलईडी लाईटें लगाई गई थीं लेकिन उसकी निगरानी करने वाला कोई नहीं है दिन में सूरज की रोषनी में भी लाईटें जलती रहती हैं। अधिकारी किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं, आयुक्त महोदय ने स्वयं को पूरी तरह से इस दलदल में समर्पित कर दिया है, निगम में पोपाबाई का राज चल रहा है। अच्छे दिनों का भरोसा दिलाने वाली भाजपा अपने वादों को जुमला बताने से नहीं चूक रही है। जिले के मंत्री सिर्फ फीता काटने में व्यस्त रहते हैं।
अतः स्मार्ट सिटी के लिये मेरा एक ही सुझाव है कि नगर निगम को इसकी नोडल एजेंसी ना बनाया जाकर किसी स्वतंत्र एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी दी जानी चाहिये ताकि पूरी पारदर्षिता बनी रहे।

तरूण अग्रवाल
332/31, पटेल नगर
तोपदडा, अजमेर। 9214960776

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