मेहनत पूरी, अब बारिश दिखाएगी परिणाम

गांवों में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत युद्ध स्तर पर चल रहे हैं काम , कई जगह मिली कामयाबी
beawar-samacharजयपुर /ब्यावर, 12 जून। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत प्रदेश केे गांवों में पानी की बूंद-बूंद को सहजने की योजना अपने प्रथम चरण में आकार लेने लगी है। अजमेर जिले के मसूदा पंचायत समिति क्षेत्रा में अभियान के तहत दर्जनों कार्य भामाशाहों, जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के सहयोग से कराये जा रहे हैं। रविवार को सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय की टीम ने पत्राकारों के साथ कई गांवों का सघन दौरा कर जल स्वावलम्बन के तहत कराये जा रहे कार्याें का जायजा लिया। मसूदा की कुण्डेश्वर बालाजी की बावड़ी जो सालों से कचरे और कीचड़ से अटी थी। यहां प्रशासन और स्थानीय ग्राम पंचायत ने ग्रामीणों के सहयोग से श्रमदान की मुहिम चलाकर बावड़ी को फिर से जीवन दान दे दिया। सरपंच खुशनूर बानो ने बताया कि किसी जमाने में बावड़ी से मसूदा कस्बे में जलापूर्ति की जाती थी लेकिन उपेक्षा के कारण बावड़ी ने अपना वजूद ही खो दिया। जल स्वावलम्बन अभियान के तहत गांव के लोगों ने श्रमदान कर बावड़ी की सफाई की तो 30 फीट के नीचे पानी निकल आया। बावड़ी की गहराई करीब 60 फीट है। अब बारिश से उम्मीद है कि अच्छी बारिश होने से बावड़ी फिर से लबालब होगी। जिससे बावड़ी का पानी पशुओं के पीने के काम आ सकेगा।
– और किसानों ने दिखायी रूचि
देवमाली ग्राम पंचायत के लालावास में अभियान के तहत खेतों में खडीन निर्माण करवाया गया है।इसकी लागत भी बहुत कम 3.46 लाख है। खडीन निर्माण से अब बारिश में खेत में बरसने वाला पानी खेत में ही एकत्रा हो सकेगा। काश्तकार बताते हैं कि सरकार की इस योजना में उन्हंे सिर्फ 10फीसदी राशि का भुगतान करना पड़ा। जिसका फायदा उन्हें आजीवन मिलेगा। खेत में करीब 8.5 टीसीएम पानी का भराव हो सकेगा। इससे क्षेत्रा के खेतों में नमी होगी और किसान आसानी से साल में 2 बार फसल ले सकेगा। जबकि अब तक खेत का पानी बह जाता था।
– मगरे की पथरीली जमीन पर बनाये हजारों क्राॅपर
जल स्वालम्बन अभियान के तहत ग्राम पंचायत नयागांव में पहाड़ीनुमा पथरीली भूमि पर जलग्रहण एवं भू संरक्षण विभाग की ओर से करीब 5 हजार क्रोपर बनाये गए हैं। विभाग के अधीक्षण अभियन्ता व प्रोजेक्ट मैनेजर शरद गेमावत ने पत्राकारों को बताया कि बारिश के दौरान पहाड़ से पानी सीधे बहकर नीचे आ जाता है। अब पहाड़ी पर हर 10 से 15 फीट की दूरी पर खड्डे (क्राॅपर ) बनाए गए हैं। इससे बारिश का पानी नीचे बहने की बजाय क्राॅपर में एकत्रा होगा। जिससे मगरे की पथरीली भूमि में नमी आएगी। इसका फायदा यह होगा कि आसपास के कुएं और हैण्डपम्प रिचार्ज होंगे। सरपंच कमला चैहान ने बताया कि मगरे में पानी की किल्लत किसी से छिपी नहीं है। पेयजल का एकमात्रा स़्त्रोत कुएं और हैण्डपम्प ही हैं। पूरे गांव को इस बार उम्मीद है कि अच्छी बारिश के साथ ही सरकार की यह योजना गांव की सूरत बदल देगी।
– चट्टानों से निकला पानी
पत्राकारों की टीम जब नयागांव पहुंची तो चट्टानों से पानी निकलता देख हतप्रभ रह गयी। यहां श्रीसीमेन्ट लि0की ओर से पाटियों के बाड़िया में कुए की खुदाई कराई गई।पथरीली जमीन की खुदाई के दौरान चट्टानों के टुकड़े निकलते गए। करीब 50 फीट नीचे पानी निकल आया। कुए में पहली बार पानी देखकर गांव वालों में खुशी का माहौल है। कुए की भराव क्षमता करीब 80 फीट है, इसके चारों ओर मुण्डेर बनायी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश से कुए में पानी आएगा तो कई सालों तक लोगों की प्यास बुझ सकेगी।

-इनका कहना है
मसूदा पंचायत के कई गांवों में पानी को लेकर हालात विकट हैं। जल स्वावलम्बन अभियान में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और भामाशाह प्रशासन के साथ मिलकर कई तरह के कार्य कर रहे हैं। जिसके परिणाम सामने आने लगे हैं। बारिश होने पर गांवों में काफी हद तक पानी की समस्या दूर होगी।
-शरद गेमावत ,प्रोजेक्ट मैनेजर व अधीक्षण अभियन्ता जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग ।
पंचायत क्षेत्रा में युद्ध स्तर पर जल स्वालम्बन कार्य कराये जा रहे हैं, अधिकांश जगह काम पूरा हो चुका है। मानसून आने के बाद डार्कजोन मसूदा के गांवों का भूजल स्तर बढ़ेगा। – सुरेश कुमार चावला, एसडीएम मसूदा।

– दूदू में भी देखे कार्य
इससे पहले टीम ने जल स्वावलम्बन अभियान के तहत दूदू की पंचायत समिति साली के ग्राम जड़ावता का दौरा किया। यहां के लोगों ने बताया कि अभियान के पूरे होने के बाद गांव का पानी का गांव में, खेत का पानी खेत में का सपना साकार हो सकेगा। अभी तक क्षेत्राीय काश्तकार और किसान छापरवाड़ा बांध पर निर्भर थे और यह बांध पिछले करीब एक दशक से अपनी पूर्ण भराव क्षमता से नहीं भर पा रहा है, जिस कारण से खेतों की सिंचाई में लगातार व्यवधान आ रहे हैं।क्षेत्रावासी श्योकरण जाट ने बताया कि लगभग 3028 हैक्टर भूमि पर जल स्वावलम्बन के तहत कार्य किये जा रहे हैं। पानी रोकने के इंतजाम कुछ इस तरह से हो रहे हैं कि रबी और खरीफ दोनों प्रकार की फसलें इससे लाभान्वित हो सकेंगी। दौरे के समय क्षेत्राीय विधायक डाॅ. प्रेमचन्द बैरवा एवं पंचायत समिति की प्रधान संतोष कड़वा भी पत्राकारों के साथ थी। उन्होंने बताया कि पथरीली जमीन पर भी पानी को सहजने के उपाय किये जा रहे हैं जिससे कि डार्कजोन क्षेत्रा में इस मानसून के बाद फिर से हरियाली देखी जा सकेगी। —00—

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