*पुष्कर तिलोरा रोड पर आये दिन होने वाले हादसों के लिए आखिर कौन है जिम्मेदार

◆ *कितने निर्दोष लोगो की मौत के बाद जागेगा प्रशासन – किस बात का है इन्तजार •••*

◆ *पुष्कर विकास की बैठक में बीते 8 महीनो से किये जा रहे है रोड डिवाइडर बनाने के वादे •••*

Shyam Sunder Tak
Shyam Sunder Tak
पुष्कर तिलोरा के बीच स्थित लगभग 5 किलोमीटर का रास्ता बीते कुछ सालो के दौरान न जाने कितने लोगो को अकाल मौत की नींद सुला चुका है । आये दिन यहाँ पर हादसे होते रहते है और उनमे निर्दोष लोग दम तोड़ते रहते है । लेकिन इस समस्या की किसी को कोई चिंता नहीं है । अभी हाल ही में हुए हादसे में भी दो लोगो ने अपनी जान गवां दी । लेकिन इसके बावजूद हालात जस के तस है ।

बड़ा सवाल यह है कि आखिर आये दिन होने वालो हादसों और उनमे अपनी जान से हाथ धोने वाले लोगो की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है । आखिर कितने निर्दोष लोगो की मौत के बाद हमारे जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि जागेंगे । क्यों की जब भी कोई हादसा होता है उस पर कुछ समय के लिए बात होकर इतिश्री कर दी जाती है । कुछ लोग सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि प्रकट कर चर्चा कर लेते है । बस । क्या यह काफी है ।

पुष्कर एवं आसपास के ग्रामीण इलाको के लोग अच्छी तरह से जानते है की पुष्कर मेला समाप्त होने के बाद से मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार हर महीने स्थानीय ट्यूरिस्ट बंगलो में पुष्कर विकास को लेकर बैठक आयोजित की जाती है । जिसमे जिला संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत सहित जिला कलेक्टर और सभी विभागों के जिम्मेदार अधिकारी और स्थानीय जागरूक लोग मौजूद रहते है ।

बीते 7 , 8 महीनो के दौरान हुई सभी बैठको में हर बार पुष्कर तिलोरा रोड पर होने वाले हादसों पर चर्चा होती है । जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा जल्द ही रोड डिवाइडर बनाने के वादे कर सभी की तालियां भी बटोरी जाती है । लेकिन पुष्कर की सबसे ज्वलंत समस्याओं में से एक इस समस्या को अभी तक ना तो हमारे विधायक सुरेश सिंह रावत सुलझा पाये है और न ही जिला प्रशासन के अधिकारी ।

आपको जानकर आश्चर्य होगा की कई बार तो बैठको में बाकायदा डिवाइडर लगाने के प्लान , उनकी जगह और बाकी सभी चीजे तय की जा चुकी है । लेकिन यह सब अभी तक केवल कागजो में ही दफ़न है । इसे हकीकत में अमली जामा कब पहनाया जा सकेगा , और कब इस रास्ते पर सफ़र करने वाले लोगो का जीवन सुरक्षित होगा यह तो अब हमारे जिम्मेदार लोग ही बता सकते है ।

फिलहाल हादसे होने का सिलसिला लगातार जारी है । सैकड़ों घरो के चिराग बुझ चुके है और ना जाने कितने घरो के चिरागो की जिंदगी खतरे में है । यह भगवान् ही जानता है ।

राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन

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