फ़िरोज़ खान बारां,( राजस्थान ) 16 जून।
आषाओं को केंद्र सरकार से जोड़कर स्थाईकरण करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आषा सहयोगिनी कर्मचारी संघ द्वारा भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले 17 जून को सुबह षहर के प्रमुख मार्गों से रैली निकालकर प्रदर्षन किया जाएगा। इसके बाद मिनी सचिवालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। भामस के जिला महामंत्री सत्यनारायण षर्मा की मौजूदगी एवं आषा सहयोगिनी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष आषा सिंघल ने बताया कि रैली में षहर समेत जिलेभर से आषाएं बड़ी संख्या मंे षामिल होंगी। जो सुबह 9 बजे खाकी बाबा की बगीची में एकत्रित होंगी। जहां से षहर के प्रमुख मार्गों से रैली निकालेंगी। इसके बाद सभी कलेक्ट्रेट पहंुचेंगी। जहां प्रदर्षन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। जिलाध्यक्ष सिंघल ने बताया कि सरकार द्वारा हाल में ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की घोशणा की जा चुकी है। लेकिन आंगनबाड़ी की महत्वपूर्ण कड़ी आषा सहयोगिनी होने के बावजूद उसे उपेक्षित कर दिया है। जबकि उसके बिना आंगनबाड़ी का कोई कार्य नहीं हो पाता हैं। क्योंकि आषा सहयोगिनी ही सर्वे से लेकर टीकाकरण, मेडिकल जांच, किषोरी बालिकाओं को आयरन एवं विटामिन की गोलियां देने, प्रसूता महिलाओं के प्रसव कराना, नसबंधी व महिला-पुरूशों का नसबंधी कराने के लिए प्रेरित करना आदि का कार्य करती है। इसके अलावा टीबी के मरीजों को खुराक देने, भामाषाहा कार्डों का वितरण, नषामुक्ति, मौसमी बीमारियों का सर्वे करना आदि कई कार्य हैं, जो आषा सहयोगिनियांे के द्वारा ही कराए जाते हैं। जबकि उन्हें मात्र 1600 रूपए प्रतिमाह का मानदेय दिया जाता है। जबकि एक नरेगा मजदूर का इससे कहीं अधिक है। निर्मला सिंह, ममता तलेटिया, राजेष षर्मा, गीता प्रजापति, षबीना, निर्मला षर्मा, तारा रानी, सुनिता सेन, उमा यादव, हेमलता सुमन, अनुसूईया मीणा, रिंकू, इंद्रा सुमन, सीमा रानी आदि रैली की तैयारियों में जुटी हुई है।
