पुलिस नही पकड़ रही सोनू गोयल के नामजद हत्यारों को

धारा 302 का आरोपी बैठा है भाजपा मंत्री के साथ

sonu goyalफ़िरोज़ खान बारां ,( राजस्थान )01 जुलाई। मेरे भाई सोनू गोयल की गत 25 जून को बारां भाजपा जिलाध्यक्ष नरेषसिंह सिकरवार एवं उसके परिवारजनों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के हत्यारों की गिरफ्तारी एवं प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर राजकीय चिकित्सालय, बारां का मोर्चरी कक्ष जहां पर सोनू गोयल का शव गत 25 जून से रखा हुआ है, के बाहर हम परिजन बैठे हुए है। लेकिन पुलिस प्रषासन द्वारा अभी तक नामजद हत्यारों को नहीं पकड़ा गया है। हम परिवारजन प्रकरण में नामजद आरोपी भाजपा जिलाध्यक्ष नरेषसिंह सिकरवार एवं उसके परिवारजनों के भय से घबराए हुए है तथा यह परिवार हमारे साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित कर सकता है।

मृतक के भाई रामावतार गोयल ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष नरेषसिंह सिकरवार पत्रकारों को यह बता रहे है कि न तो उनका न ही उनके परिवार का आपराधिक रेकार्ड है। इस संबंध में गोयल ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष नरेष सिंह सिकरवार एवं उनके परिजनों की पृष्ठभूमि डकैतों को संरक्षण देने तथा भूमाफिया टाईप रही है। आपराधिक पृष्ठभूमि में लिप्त नरेष सिंह सिकरवार के पिताजी द्वारा डकैतों को संरक्षण देने के आरोप में वर्ष 1965-66 में 3 माह जेल में रहा। नरेषसिंह सिकरवार का चाचा एवं हत्यारे बंटी के पिताजी हरनाम सिंह को डकैतों को संरक्षण देने के कारण पुलिस की नौकरी से बर्खास्त किया गया था। नरेष सिंह सिकरवार का कुटुम्बी अनारसिंह जो कि एक डकैत था, उसके द्वारा बीलखेडा माल से श्री घांसीलाल महाजन का अपहरण कर 2 माह 9 दिन तक जंगल में रखा एवं फिरोती की राषि लेकर ही छोड़ा गया।

गोयल ने बताया कि नरेष सिंह सिकरवार एवं उसके भाई बल्लू, बंटी एवं विरेन्द्रसिंह के द्वारा बारां जिले के ग्राम महेषपुर एवं नयागांव में लगभग 600 बीघा वन विभाग तथा चरागाह भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है तथा प्रतिवर्ष इस भूमि को मुनाफे पर देकर लाखों रूपए अवैध प्राप्त किए जा रहे हैं। नरेषसिंह सिकरवार के महेषपुर फार्म हाउस के खाते में केवल मात्र 25 बीघा भूमि है लेकिन इनके द्वारा 150 बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इसी फार्म हाउस पर सोनू गोयल की हत्या का षडयंत्र रचा गया था। नरेषसिंह सिकरवार द्वारा देवरी कस्बे में बस स्टेण्ड पर वन विभाग के नाके की भूमि जिस पर हरे पेड़ भी खडे थे, उनको कटवाकर मकान बनाया गया तथा सरपंच से आपसी मिलीभगत कर फर्जी पट्टा बनाकर रजिस्टर्ड करवाकर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया। जिस जगह पर देवरी कस्बे में नामजद आरोपी बल्लू सिकरवार ने मकान बना रखा है वह जगह पंचायत की नही है। बल्कि नरोरा अभियान में अलाउद्वीन मास्टर को आवंटित हुई थी। वह जगह $ सहकारी समिति की 10 फुट भूमि लेकर बल्लू सिकरवार ने ग्राम पंचायत से फर्जी पट्टा बनाकर उप पंजीयक से रजिस्टर्ड करवा लिया गया है। उसी मकान की साइड में सहकारी समिति के भवन की खिडकी लगी थी उसे भी बंद कर दिया है तथा ग्राम देवरी में घटनास्थल से लगा हुआ आरोपी बल्लू सिकरवार का फार्म हाउस है। वहां पर भी बल्लू सिकरवार ने 10 बीघा सरकारी सिवायचक भूमि पर अवैध कब्जा कर 20-25 फीट गहरी तलाई खुदवाकर मछली पालन का अवैध व्यवसाय किया जा रहा है।

बल्लू सिकरवार का वर्ष 2004 में बीपीएल सूची में नाम था तथा जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना (डीपीआईपी) में लाखों रूपए का टेंट हाउस प्राप्त किया गया। बल्लू व विरेन्द्र सिंह भाजपाराज के पहले बीपीएल की सूची में थे जबकि इनके पास करोड़ों की सम्पत्ति है।

सोनू के मर्डन में लिप्त अपराधियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। इसी कारण पुलिस हत्याकाण्ड के नामजद मुल्जिमों को नहीं पकड़ रही है तथा धारा 302 में नामजद अपराधी नरेषसिंह सिकरवार प्रभारी मंत्री बाबूलाल वर्मा के साथ बैठा हुआ है, इससे बड़ा दुर्भाग्य लोकतंत्र में और क्या होगा।

error: Content is protected !!