(सभी सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों के लोगों से गैर राजनैतिक रुप से इस आन्दोलन में आने की कि अपील)
आगरा। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के तत्वाधान में टोरंट से उत्पीड़ित 24 गांव की महापंचायत पुराना स्कूल दहतोरा पर आयोजित हुई। इसके बाद दहतोरा गांव मंे रैली निकाली गयी। जिसमें सभी 24 गांव दहतोरा, अमरपुरा, चुचाना, घोघई, मगटई, कलवारी, विलासगंज, तोरा, कलाल खेरिया, लकावली, मियांपुर, बुढेरा, बमरौली कटारा, नैनाना ब्राहमण, नैनाना जाट, अजीजपुर आदि गांव के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
महापंचायत को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के संयोजक डाॅ. सुनील राजपूत ने कहा कि टोरंट के उत्पीड़न से 24 गांव के लाखों लोग परेशान हैं पर उनकी परेशानी न शासन न प्रशासन को दिख रही है। अगर शासन प्रशासन ने 24 गांव की जनता को टोरंट के उत्पीड़न से मुक्त कर दक्षिणांचल से नहीं जोड़ता है तो ग्रामीण आमरण अनशन करेंगे। सभी गांव को टोरंट से मुक्ति के लिए ग्रामीण विकास संघर्ष समिति सभी गांव में अभियान चलायेगी। इसकी कड़ी में अगली बैठक गांव चुचाना में दिनांक 31 जुलाई 2016 दिन रविवार को होगी।
ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि टोरेंट के उत्पीड़न से सिर्फ ग्रामीण लोग ही नहीं शहरी लोग भी तंग आ चुके हैं। इस महापंचायत को शास्त्रीपुरम, पश्चिमपुरी, सिकंदरा और शाहगंज जैसे शहरी क्षेत्रों से भी समर्थन मिला है, और वहाँ के प्रमुख लोगों ने महापंचायत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। और टोरेंट के खिलाफ तन, मन और धन से समर्थन का वाद किया है। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि 2010 में जब बसपा सरकार ने टोरेंट को शहर की बिजली व्यवस्था सौंपने का निर्णय लिया उसका सभी विरोधी दलों ने जमकर इसका विरोध किया। २०१२ के विधानसभा चुनावों में सपा ने भी टोरेंट को हटाने का जनता से वादा किया था, लेकिन हुआ सिर्फ ‘‘ढाक के तीन पात’’ सपा सरकार आने पर मामला सेट हो गया। भाजपा द्वारा इसे जनांदोलन बनाने की कोशिश की गयी। वहीं कांग्रेस और बसपा ने भी टोरेंट के खिलाफ बड़े प्रदर्शन किये। कई बार दक्षिणांचल और टोरेंट के दपतरों पर तालाबंदी और घेराव जैसे प्रदर्शन हुए। लेकिन जब 24 गाँव के साथ कुछ शहरी क्षेत्रों के लोग भी टोरेंट के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। तब सभी राजनैतिक दाल चुप्पी साधे हुए हैं, क्योंकि टोरेंट के साथ सभी राजनैतिक दलों की मिलीभगत है, इसका खामियाजा 2017 में सबको भुगतना पड़ेगा। उन्होने कहा कि सभी सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों के लोगों से गैर राजनैतिक रुप से इस आन्दोलन में आने का ग्रामीण विकास संघर्ष समिति स्वागत करती है। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेष यादव एक युवा मुख्यमंत्री हैं, उनको जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुये सभी 24 गाँव को टोरेन्ट से मुक्त कर देना चाहिये, इससे उनका मान सम्मान और जनाधार ही बढेगा।
ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के विष्णु मुखिया ने कहा कि टोरंट के उत्पीड़न से गांव की जनता त्राही-त्राही कर रही है किन्तु शासन प्रशासन उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। निकट भविष्य में आंदोलन और बडा होगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
वीरेन्द्र राजपूत ने कहा कि ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने टोरंट के खिलाफ जो आवाज बुलंद की है उसमें 24गांव के लोग तन-मन-धन से समिति के साथ हैं। उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों से अपील की टोरंट के खिलाफ इस लड़ाई में ग्रामीणों के साथ आयें।
महापंचायत की अध्यक्षता पीतम सिंह लोधी व संचालन चै. अजय मुखिया ने किया।
प्रमुख रूप से डाॅ. ऊदल, गुड्डू, थान सिंह नेताजी, शिवा बघेल, चै. अजय, जितेन्द्र फौजदार, उमेश राजपूत, जीतू राजपूत, चन्दू, बन्टी लोधी, जीतू जाटव, विक्की वाल्मीकि, लखन शर्मा, सतीश राजपूत, हरिशचन्द, वैकुंठी देवी, मीरा, सावित्री, रामादेवी, चम्पा देवी, भूदेवी, उर्मिला, तारा देवी, श्यामवती, गायत्री, लक्ष्मी, हाकिम सिंह, महावीर, रवि, इन्द्रजीत राजपूत, पप्पू, रोहित, आदि प्रमुख रूप से रहे।
भवदीय
डाॅ. सुनील राजपूत/ब्रह्मानंद राजपूत
09997993860/08864840607
