गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुजरात भाजपा प्रमुख को अपना इस्तीफा भेज दिया है. मीडिया से मुख़ातिब आनंदीबेन पटेल ने कहा, “पार्टी में 75 वर्ष की आयु के बाद वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, नेताओं ने स्वैच्छिक निवृत्ति स्वीकार करके अभूतपूर्व परंपरा आरंभ की है. मेरे भी नवंबर में 75 साल पूरे होने हैं. लेकिन 2017 के अंत में गुजरात में चुनाव होने है. इसके अलावा हर दो साल पर होने वाली वायब्रेंट गुजरात सम्मिट भी जनवरी 2017 में है. नवनियुक्त मुख्यमंत्री को पूरा समय मिले इसलिए मैंने दो महीने पहले पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से अपने आपको मुक्त करने की विनती की थी.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं पत्र के माध्यम से फिर से पार्टी नेतृत्व से मुझे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी से मुक्त करने की विनती करती हूं.”
उन्होंने नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए उनके नेतृत्व में काम करने का मौक़ा मिलने को अपनी ख़ुशकिस्मती बताया.
इससे पहले उन्होंने फेसबुक पर भी अपने इस्तीफ़े का ऐलान किया था.
भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आनंदीबेन के इस्तीफ़े पर कहा, “आनंदीबेन ने इस्तीफ़े की पेशकश की है. मैं पार्टी के संसदीय बोर्ड के सामने उनका ख़त रखूंगा. तब ही इस पर आख़िरी फ़ैसला लिया जाएगा.”
गुजरात में चल रहे आंदोलनों को लेकर राज्य पर सरकार का पूरा नियंत्रण ना होने की बात कही जा रही थी.
आनंदीबेन के मुख्यमंत्री रहते गुजरात में पाटीदार आंदोलन और दलित आंदोलन ने सिर उठाया.
