नगर निगम सीमा विस्तार निगम की आय बढ़ाने की सस्ती सोच

aagra newsआगरा। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने शुक्रवार को नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव के विरोध में ग्राम दहतोरा में बैठक की। इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के प्रमुख लोग मौजूद रहे। बैठक में ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया।
बैठक को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि नगर निगम के सीमा विस्तार का प्रस्ताव ग्रामीण जनता के हित में नहीं है। नगर निगम सीमा विस्तार निगम की आय बढ़ाने की सस्ती सोच है। यह प्रस्ताव ग्रामीण जनता के साथ छल है। इससे गांवों की गरीब जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। ग्रामीण जनता पर तमाम तरह के टैक्स लगाये जायेंगे। पहले से ही ग्रामीण जनता की प्रति व्यक्ति आय कम है अगर ग्रामीण जनता पर विभिन्न करों का अतिरिक्त बोझ बढेगा तो उनकी हालत और बदतर होगी। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अखिलेष यादव को निरस्त कर देना चाहिये। उन्होने कहा कि वर्तमान में नगर निगम पर शहर की सफाई व पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है न हीं उक्त क्षेत्र में नगर निगम कोई विकास कार्य कर पा रहा है। फिर भी पता नहीं वह 34 गांवों को नगर निगम की सीमा में विलय क्यों करना चाहता है। उन्होंने कहा कि पिछले नगर निगम विस्तार में जो गांव षामिल किये गये थे उनका तो नगर निगम विकास नहीं कर पाया है। हर स्तर से उनकी हालात बदतर है। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि ग्रामीण विकास संघर्ष समिति जितने भी गाँव नगर निगम में शामिल किये जा रहे हैं, उनके साथ इस आंदोलन को धार देगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम को पहले शहरी क्षेत्र का विकास करना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधान और जिला पंचायत विकास करने के लिए काफी है।
डाॅ. सुनील राजपूत ने कहा कि नगर निगम के पास जितना क्षेत्र है उतना तो संभल नहीं रहा है अगर नगर नगम विस्तार होता है तो ग्रामीण जनता कि मुसीबत ही बढेगी। 34 गांव के इस नगर नगम विस्तार पर सरकार को रोक लगानी चाहिये।
विष्णु मुखिया ने कहा कि आज नगर निगम आगरा के 34 गांवों का अस्तित्व ही खत्म करने पर तुला हुआ है। सरकार को नगर निगम के प्रस्ताव को निरस्त कर देना चाहिए। अगर सरकार दस प्रस्ताव को निरस्त नहीं करती है तो ग्रामीण जनता को आन्दोलन करने पर मजबूर होना पडेगा।
इस मौके पर अजय चैधरी, जीतू राजपूत, रजत लोधी, उमेष राजपूत, लखन षर्मा, योगेश, रामबाबू, निनुआ खान, थानसिंह, वीरेन्द्र राजपूत, गौरव राजपूत, सुनील लोधी, खेमसिंह, राहुल खान, सतीश राजपूत, सोनू राजपूत, मुकेश राजपूत, छोटू लोधी, चोबसिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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