पत्राकारों के दल ने जल स्वावलम्बन के कार्यां का किया अवलोकन, मुक्त कंठ से की सराहना
ब्यावर, 4 सितम्बर। मुख्यमंत्रा जल स्वावलम्बन अभियान के तहत उपखण्ड ब्यावर की जवाजा पंचायत समिति के देलवाड़ा, गोपालपुरा, ब्यावरखास आदि क्षेत्रों में रविवार को जल स्वावलम्बन के कार्यों का उपखण्ड के प्रिन्ट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पत्राकारों के दल ने अवलोकन किया। पत्राकार दल ने जल संरक्षण व संग्रहण हेतु बनायी गई जल संरचनाओं की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि इससे गांव समृद्ध एवं जल स्वावलम्बी बनेंगे।
पत्राकारों के दल ने मुख्यमंत्रा जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण के तहत बावड़ी जीर्णाद्धार, नाडी निर्माण, मिट्टी के बंध, संकन पौण्ड, पौधारोपण आदि कार्यां का अवलोकन करते हुए संबंधित क्षेत्रों में हरियाली, मवेशियों व सिंचाई के लिए जल उपलब्धता को प्रत्यक्ष देखकर कहा कि उपखण्ड ब्यावर जैसे अल्पवर्षा वाले क्षेत्रों में जल की बूंद-बूंद सहजने हेतु चार जल संकल्पना के अनुरूप अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। इससे गांव जल स्वावलम्बी बनेंगे और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
सहायक अभियन्ता जलग्रहण शलभ टण्डन ने पत्राकारों के दल को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्रा जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जवाजा पंचायत समिति की 8 ग्राम पंचायतों के 27 गांवों में नोडल विभागों द्वारा 1258 कार्य 4 करोड़ 45 लाख रूपये की लागत से पूर्ण करवाये गए, जिसके तहत जल ग्रहण विभाग द्वारा 896 कार्या को पूर्ण करवाते हुए जल संरक्षण हेतु विभिन्न जल संरचनाएं पूर्ण करवायी गई है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण के इस महत्वपूर्ण अभियान में जनप्रतिनिधि, आम नागरिक, भामाशाह एवं मीडियाकर्मियों ने भी पूर्ण सहयोग प्रदान किया।
शेरा की बावड़ी का हुआ कायाकल्प
श्री टण्डन ने पत्राकार दल को बताया कि जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल की प्रेरणा से ग्राम पंचायत देलवाड़ा में प्राचीन शेरा की बावड़ी के जीर्णाद्धार व मरम्मत का कार्य श्री सीमेन्ट लिमिटेड के सहयोग से करवाया गया है जिस पर 9 लाख रूपये की राशि व्यय हुई है। बावड़ी की कुल गहराई 60 फीट है और जीर्णाद्धार के बाद इसमें 55 फीट तक पानी की आवक हुई है, इस बावड़ी के समीप पशु-पक्षियों को पेयजल के लिए पशु खेलि़यां बनायी गई हैं एवं सौलर लाईट्स भी लगाई है। बावड़ी के समीप प्राचीन डूंगाजी के तबारे(सराय) का भी जीर्णाद्धार करवाया गया है जिससे राहगीर यहां विश्राम कर सके। उन्होंने बताया कि इस बावड़ी के समीप स्थित मिट्टी के बंध का केचमेन्ट एरिया 80 हैक्टर क्षेत्रा है जिससे क्षेत्रा के भूजल में भी खासी वृद्धि होगी।
नाडी निर्माण से सिंचाई व मवेशियों के लिए सुलभ हुआ जल
पत्राकारों के दल ने 4 लाख लीटर भराव क्षमता की संजना नाडी एवं गोपालपुरा नाडी का अवलोकन भी किया। सहायक अभियन्ता टण्डन ने बताया कि संजना नाडी का कार्य 3 लाख 75 हजार रूपये एवं गोपालपुरा नाडी का कार्य 1 लाख 75 हजार रूपये की राशि के व्यय से पूर्ण किया है, इससे इन क्षेत्रों में मवेशियों व सिंचाई के लिए पेयजल की उपलब्धता रहेगी एवं भूजल के स्तर में भी वृद्धि होगी। गोपालपुरा नाडी में वर्षा के बाद 3 लाख 50 हजार लीटर जल संग्रहित है जिससे गांव के किसानों को सिंचाई व मवेशियों के लिए पर्याप्त जल सुलभ हो रहा है।
7 संकन पौण्ड में 120 लाख लीटर जल का होगा संग्रहण
सहायक अभियन्ता जलग्रहण श्री टण्डन ने पत्राकार दल को बताया कि ग्राम पंचायत ब्यावरखास में मकरेड़ा तालाब के डाउन स्ट्रीम क्षेत्रा में बनाये गए 7 संकन पौण्ड में मकरेड़ा तालाब की ओवरफ्लो जलराशि को रोक कर 120 लाख लीटर जल संग्रहित किया जा रहा है। इससे क्षेत्रा में सिंचाई, मवेशियों व पेयजल हेतु जल की उपलब्धता रहेगी, कुएं रिचार्ज़ होंगे और क्षेत्रा हराभरा बनेगा। पत्राकार दल ने ब्यावरखास में संकन पौण्ड संख्या 1 एवं 2 का अवलोकन किया जिसमें 11 लाख लीटर जल का संग्रहण किया गया है।
इससे पूर्व पत्राकार दल का देलवाड़ा पहुंचने पर सरपंच किरण काठात, पूर्व सरपंच पप्पू काठात, सचिव कमरूद्दीन आदि ने स्वागत व अभिनन्दन किया और ग्राम पंचायत द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्रा में किये गए कार्यां की जानकारी दी। इस मौके पर सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी विनोद मोलपरिया, जलग्रहण विकास दल के जगदीश रावत, नरेन्द्र सिंह रावत आदि मौजूद थे। –00–
