आगरा। हिंदी दिवस पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने पश्चिमपुरी में गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि हिंदी में राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने की क्षमता है। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगीत व राष्ट्रभाषा अत्यंत गौरव की बात है। विडंबना है कि राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने वाली व अस्तित्व को महिमामंडित करने वाली राष्ट्र भाषा नहीं है। समय आ गया है कि लोग कार्य हिंदी में ही करें। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि आज जरूरत है हमारी सरकार क¨ हिंदी का अधिक से अधिक प्रसार करना चाहिए। और जैसे की चीन अपनी भाषा क¨ प्र¨त्साहन दे रहा है। वैसे ही भारत देश क¨ अपनी भाषा क¨ प्र¨त्साहन देना ह¨गा। और जितने भी देश में सरकारी कामकाज ह¨ते है व¨ सब हिंदी में ह¨ने चाहिए। और हिंदी में उच्च स्तरीय शिक्षा के पाठयक्रम क¨ क्रियान्वित करने की जरूरत है। सभी जानते हैं की अंग्रेजी एक अंर्तराष्ट्रीय भाषा है में अपने विचार से कहना चाहूँगा की अंग्रेजी सभी क¨ सीखना चाहिए। लेकिन उसे अपने ऊपर हमें कभी हावी नहीं ह¨ने देना है अगर अंग्रेजी हमारी ऊपर हावी ह¨ गयी त¨ हम अपनी भाषा और संस्कृति सब क¨ नष्ट कर देंगे। इसलिए आज से ही सभी क¨ हिंदी के लिए क¨शिशे जारी कर देनी चाहिए। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के संयोजक डॉ सुनील राजपूत ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की मानसिकता आज हम पर, खासकर हमारी युवा पीढ़ी पर इतनी हावी ह¨ चुकी है कि हमारी अपनी भाषाओं की अस्मिता और भविष्य संकट में है। इसके लिए हमें प्रयास करने ह¨ंगे। उन्होंने कहा है कि स्वतन्त्रता संग्राम के दिनों में राष्ट्रीय चेतना के विकास और विस्तार में हिन्दी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका थी। सिंह ने कहा है कि हिन्दी साहित्य, कला एवं संस्कृति की भाषा के रूप में विकसित है और अब प्रौद्योगिकी में भी तेजी से पहचान बना रही है। विष्णु मुखिया ने कहा कि हिंदी एक जन भाषा है जो कि आगे बढ़ेगी और बताया कि भाषा अपनाने से बढ़ती है. साथ ही कहा कि जिस तरह से अंग्रेजी ने अपने आप में कई भाषाओ के शब्दों का समावेश किया है, ठीक उसी तरह अब समय आ गया है कि हिंदी भाषा को भी स्थानीय भाषा के शब्दों का समावेश करना चाहिए। इस मौके पर अजय चैधरी, जीतू राजपूत, रजत लोधी, उमेष राजपूत, लखन षर्मा, योगेश, रामबाबू, संतोष लोधी, निनुआ खान, यषपाल सिंह, थानसिंह, वीरेन्द्र राजपूत, गौरव राजपूत, सुनील लोधी, खेमसिंह, राहुल खान, षिवा बघेल, सोनू राजपूत, मुकेश राजपूत, छोटू लोधी, चोबसिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
