मेनार सरपंच के निधन पर छाई शोक की लहर

(लोकेश मेनारिया)
img-20160915-wa0072मेनार ।वल्लभनगर तहसील के भीण्डर पंचायत समिति की वाना ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच की पद पर रहते हुए संदिग्ध अवस्था में निधन के बाद आज गुरुवार को मेनार सरपंच का भी पद पर रहते हुए निधन हो गया हैं ।
ग्राम पंचायत मेनार के सरपंच मोहन लाल मीणा का गुरूवार की सुबह अस्पताल में ईलाज के दौरान निधन का हो गया।मोहन लाल के निधन के समाचार मिलते ही गांव सहित आस-पास क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। निधन के समाचार सुनते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अंतिम यात्रा में शामिल हो गए।
जानकारी के अनुसार मोहन लाल पिछले करीब दो वर्षों से ग्राम पंचायत मेनार के सरपंच पद नियुक्त थे।मोहन लाल कुशल सरपंच के साथ-साथ जन हितार्थ काम में सदैव तत्पर रहने वाले युवा व्यक्ति थे ।वह अपने क्षेत्र की प्रत्येक छोटे मोटे गतिविधि में आगे आकर कार्य का नेतृत्व करते थे। गुरूवार को मोहन लाल के निधन की खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई तथा सैकड़ों की संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए।मोहन लाल आपके पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए।

दो वर्ष से रहे सरपंच : स्व. मोहन लाल मीणा एक कुशल कार्यशैली के धनी थे। उनकी कुशल कार्य शैली का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि गत दिनों क्षेत्र में हुई लगातार व तेज बारिश के चलते मेनार गाँव के दोनों तालाब करीब दस साल बाद छलके।पानी की भारी आवक के चलते मेनार गाँव में चारों तरफ सभी प्रमुख मार्गों पर तीन से चार फीट तक पानी भर गया ।और ग्रामीणों का गाँव से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था। जन समस्याओं को देखते हुए सरपंच मोहन लाल ने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर दिन और रात की बारह बजे तक बहाव क्षेत्र में आए अवरोध को ग्रामीणों से समझाइश कर पानी की निकासी करवाई।बरती बारिश में लगातार रहने के दौरान ही सरपंच को शर्दी , जुकाम होकर तबियत बिगड़ती गई किन्तु मोहन लाल टेबलेट लेते रहे और राहत कार्य में लगे रहे।इसी दौरान ग्राम पंचायत को खुले में शोच मुक्त करने के 2 अक्टूबर के लक्ष्य को मद्देनजर रखते हुए सुबह चार बजे से ही खुले में शोच करने वालों को शोचालय बनवाने व प्रोत्साहन राशी का लाभ लेने के लिए प्रेरित करने में लगे रहे।वह सुबह चार बजे से ही पुरे गाँव में चिन्हित स्थान पर खड़े हो जाते और लोगों को प्रेरित करते।इस कार्य में सचिव मदन सिंह राठौर , वार्ड पंच , आंगनवाडी कार्यकर्ता , प्रेरक व जागरूक लोगों ने उनका साथ निभाया।और वह मिशन अभी भी उनकी अनुपस्थिति में भी जारी हैं।स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आने के बाद उन्हें उदयपुर के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया जहाँ उनका उपचार चल रहा था कि इसी दौरान गुरूवार सुबह उनका इलाज के दौरान ही निधन हो गया ।
उनके कुशल कार्य शैली तथा जीवंत व्यक्तित्व के कारण वह प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति के दिलों पर राज करते थे। मोहन लाल अपने क्षेत्र की राजनीति‍ में प्रबल थे।
मोहन लाल के निधन होने पर मेनार वासियों को काफी आघात पहुंचा है। अंतिम शव यात्रा में गणमान्य लोग शामिल थे। उपसरपंच शंकर लाल , सहायक सचिव सहित गणमान्य नागरिको ने स्व मोहन लाल को साफा एवं माला पहनाकर अश्रुपुरित श्रद्धांजलि अर्जित की।पंचायत की तरफ से एक घी का डिब्बा व एक बोरी नारियल भी अन्तिम संस्कार में अर्पित कर भगवान से उनकी आत्मा को शान्ती की कामना की इस दौरान जनप्रतिनिधियों सहित सैकड़ों की तादाद में क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।

error: Content is protected !!