रावत समाज के इतिहास लेखक डॉ.मगन सिंह को भी दी श्रद्धांजलि
ब्यावर, 29 सितम्बर। गत दिनों कश्मीर के उरी सैक्टर में निकटवर्ती राजसमंद जिले के निम्बसिंह रावत सहित अन्य 17 वीर सैनिकों की शहादत के सम्मान में रावत राजपूत समाज की ओर से दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धा-सुमन प्रकट किये। आशापुरा माता मंदिर परिसर में ब्यावर विधायक शंकरसिंह रावत के मुख्य आतिथ्य एवं पूर्व सांसद रासासिंह रावत की अध्यक्षता में रावत राजपूत समाज के इतिहास लेखक डॉ. मगन सिंह की आयोजित 24 वीं पुण्यतिथि स्मृति कार्यक्रम अवसर पर रखी इतिहास विषयक संगोष्ठी में विभिन्न जिलों से आएं समाज के इतिहास-प्रेमियों, शिक्षाविदों, प्रबुद्ध व जागरूक लोगों ने भाग लेकर आयोजन की महत्ता बढ़ाई।
संगोष्ठी में विधायक शंकर सिंह रावत, पूर्व सांसद रासासिंह रावत, साहित्यकार गणपत सिंह मुग्धेश, लेखक दौलतसिंह पंवार, समाज के पूर्व अध्यक्ष नन्दकिशोर सिंह, डॉ.मेघसिंह मालावत, डॉ. हरि सिंह चौहान, कर्नल देवीसिंह पंवार, पृथ्वीसिंह पंवार, धर्मेन्द्र सिंह लामाना, दिलीप सिंह चौहान, प्रधानाचार्य मानसिंह चौहान, रावत राजपूत संदेश के सम्पादक एवं स्व.डॉ.मगन सिंह के सुपुत्रा भगवानसिंह चौहान, सेवानिवृत पुलिस उपाधीक्षक भगवानसिंह चौहान काबरा, युवा पत्राकार त्रिभुवननारायण सिंह चौहान, ब्रजराजसिंह रावत, रतनसिंह भाटी, कार्यकर्ता जयरामसिंह, डॉ.लेखराज सिंह सहित विभिन्न वक्ताओं ने देश एवं समाज की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत को संजोकर रखने के लिए इतिहास का गहराई से अध्ययन, मंथन व शोध करके प्रमााणिक ज्ञान रखने की आवश्यकता प्रतिपादित की तथा ’’रावत’’ शब्द की विशद् व्याख्या करते हुए इसे क्षत्रिय दायित्व निर्वहन के फलस्वरूप अद्भुत बहादुरी संबंधी प्रदत्त विशेष ’पदवी’ बताया जो कालान्तर में रावत राजपूत समुदाय के रूप में जाना जाता हैै। इस दृष्टि से इतिहास संगोष्ठी मंे वक्ताओं एवं विचारकों ने डॉ. मगनसिंह द्वारा रावत राजपूत समाज के इतिहास संबंधित अप्रकाशित सामग्री के संकलन हेतु किये गए योगदान को सराहा तथा समाज हित में अप्रकाशित सामग्री का यथेष्ठ प्रकाशन पर बल दिया ताकि भावी पीढ़ी को सामाजिक इतिहास का उचित व प्रेरणदायी ज्ञान व बोध बरकरार रहें। गोष्ठी का संचालन शिक्षाविद् मानसिंह चौहान द्वारा किया गया।