जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों की कोशिश से आ रही जनजागृति
(फ़िरोज़ खान)बारां, 27 सितम्बर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा किए जा रहे प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। कहीं छोटे-छोटे बच्चे अपने अभिभावकों को शौचालय निर्माण हेतु प्रेरित कर रहे हैं तो कहीं सहरिया परिवार स्वयं गढ्ढा खोदकर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
जिला कलक्टर डॉ एसपी सिंह ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में उत्साहपूर्वक माहौल के साथ कार्य कर लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ा जा रहा है। प्रभात फेरियों एवं रात्रि चौपालों के माध्यम से ग्रामीणों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। नुक्कड़ सभाएं की जा रही हैं तो कहीं समझाइश के बावजूद शौचालय नहीं बनवाने पर घरों पर शर्मसार करने वाले पर्चे चिपकाए जा रहे हैं। शाहाबाद एडीएम रामप्रसाद मीणा ने बताया कि पिछले दिनों खुशालपुरा एवं शुभघरा में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की समझाइश का ऐसा असर हुआ कि उनकी मौजूदगी में ही सहरिया परिवारों ने गढ्ढे खोदना प्रारम्भ कर दिया। अटरू ब्लॉक के प्रधान, सभी सरपंच एवं विकास अधिकारी सहित कई अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने 2 अक्टूबर तक उपवास रखकर ओडीएफ का लक्ष्य हासिल करने का प्रण ले रखा है। परिणाम यह है कि 35 में से आधी से ज्यादा पंचायतें ओडीएफ हो चुकी हैं। बाकी 2 अक्टूबर से पहले हो जाएंगी। जिले के ग्रामीण इलाकों इन दिनों ओडीएफ को लेकर त्यौहारी माहौल नज़र आ रहा है।
6 साल के बच्चे ने किया प्रेरित
अटरू विकास अधिकारी जगदीश मीणा ने बताया कि ब्लॉक के मूंडला बिसोती पंचायत के हरनावदा गांव के छह वर्षीय आविक मीना ने अपन स्कूल में स्वच्छ भारत अभियान एवं शौचालय निर्माण के बारे में सुना तो घर वालों को प्रेरित किया। आविक की दादी रामकन्या बताती है कि हाथ में तगारी लेकर आविक ने गढ्ढा खोदने में मदद की पेशकश की तो हम खुद को रोक नहीं पाए। आज हमारे घर में शौचालय निर्माण का कार्य चल रहा है जो जल्द पूरा हो जाएगा।
हाथ गाड़ी से पहुंचा रहे निर्माण सामग्री
बारिश के बाद आटोन गांव में कच्चे रास्तों के हाल खराब होने से घरों तक वाहन नहीं पहुंच पा रहे। जिसके कारण शौचालय निर्माण हेतु ईंट आदि सामग्री पहुंचाना मुश्किल हो रहा था। शौचालय निर्माण की लगन ऐसी कि ग्रामीणों ने समस्या का हल निकालते हुए हाथगाड़ी का निर्माण कर उसके माध्यम से ईंट आदि सामग्री पहुंचाई।
पशु आश्रय स्थल से ग्रामीण स्तर में सुधार
बारां, 29 सितम्बर। महात्मा गांधी योजनान्तर्गत व्यक्तिगत लाभ के तहत पशु आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं। जिला परिषद सीईओ भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य सरकार ने जिले में कुल 2234 पशु आश्रय स्थल बनाए जाने के लक्ष्य प्रदान किया है जिसमें से 1752 कार्य स्वीकृत कर दिए गए हैं। पशु आश्रय स्थल मुख्य रूप से प्राथमिकता के आधार पर एससी, एसटी एवं बीपीएल परिवारों के स्वीकृत किए गए है। पशु आश्रय स्थल होने से लाभार्थी के घर में स्वच्छता का वातावरण रहेगा एवं पशुओं को सुविधाजनक स्थान मिलेगा जिससे पशुओं में बिमारियां नहीं होगी। राज्य सरकार की यह मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक स्वच्छता का माहौल बने जिसे पशु आश्रय स्थल सहयोगी के रूप में भूमिका निभाएंगे। पशु आश्रय स्थल की लागत लगभग 80 हजार रूपए से लेकर एक लाख रूपए तक है, जिसमें वर्मी कम्पोस्ट का कार्य भी साथ किया जाना है। पशुओं के पालन पोषण से लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सभी लाभार्थी निर्धारित समायावधि में अपने कार्य को पूर्ण कर योजना का लाभ उठाए।
छात्रावास हेतु भूमि आवंटित
बारां, 29 सितम्बर। जिला कलक्टर डॉ. एस.पी. सिंह ने ग्राम पंचायत अटरू में छात्रावास हेतु भूमि आवंटित करने के आदेश जारी किए हैं। अध्यक्ष माहात्मा गांधी ज्योतिबा फुले माली समाज विकास एवं छात्रावास समिति अटरू की मांग पर तहसीलदार की प्रस्तावना एवं उपखंड अधिकारी की अनुशंषा पर 0.08 हैक्टेयर भूमि निःशुल्क आवंटित की गई है।
5 दिवसीय केलवाड़ा दशहरा मेला 11 से
बारां, 29 सितम्बर। दशहरा पर्व पर केनवाड़ा ग्राम पंचायत की ओर से 11 से 15 अक्टूबर तक विशेष मेले का आयोजन किया जाएगा। सरंपच कौशल किशेर राठौर ने बताया कि दशहरा मैदान पर आयोजित हाने वाले मेले का शुभारंभ 11 अक्टूबर को रावण दहन के साथ होगा। रोजना शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले का मुख्य आकर्षण रहेंगे। 12 अक्टूबर को भजन संध्या, 13-14 को म्यूजिकल ऑर्केस्ट्रा एवं 15 अक्टूबर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह मेला कस्बे की धार्मिक एवं सांस्कृति विरासत का प्रतीक है।
आगनबाड़ी केन्द्रों का 1 अक्टूबर से समय बदलेगा
बारां, 29 सितम्बर। आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालन समय में परिवर्तन किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक आंगनबाड़ी संचालन समय प्रातः 10 से अपरान्ह 2 बजे तक रहेगा। समय सारणी के अनुसार 9.30 पर आंगनबाड़ी सहायिका अपने केन्द्र पर पहंुचेगी। 10 बजे प्रार्थना, 10.30 पर व्यायाम व खेल, 11 बजे अल्पाहार, 11.30 पर भाषयी कौशल, 11 बजे रचनात्मक सत्र, 12.30 पर बौद्धिक विकास सत्र, 1 बजे दोपहर का भोजन व 1.30 बजे स्वतंत्र खेल का सत्र होगा। 2 बजे छुट्टी की जाएगी