बाड़मेर में सिंधी समाज का असूचण्ड मेला आयोजित

badmer newsबाड़मेर 03.10.2016
स्थानीय पूज्य भगवान झूलेलाल मंदिर गुरूद्वारा रोड़ में झूलेलाल मंदिर कमेटी एवं झूलेलाल भजन मण्डली द्वारा असूचण्ड मेला दो दिन का मंदिर बाबो साहब गुलाबचंद खूबचंदानी, अध्यक्ष पवन कुमार राजवानी के नेतृत्व में धूमधाम से मनाया गया। मंदिर प्रवक्ता भगवानदास आसवानी ने बताया कि प्रातः 9 बजे महाआरती का आयोजन हुआ। प्रातः 10 बजे सिंधी सहनाई , ढोल नगाड़ों के साथ ध्वजारोहण का आयोजन कर मेले का आगाज हुआ। प्रातः 11 बजे महाप्रसादी का भोग लगाकर वितरण किया गया। शाम 6 बजे झूलेलाल भजन मण्डली द्वारा बेहराणों साहब का आयोजन हुआ। इस आयोजन में मण्डली के संयोजक नारायणदास कटारी पार्टी द्वारा झूलेलाल भजन पंझड़े गाये गये। रात्रि 9 बजे विषाल भजन संध्या का आयोजन राजू माली एण्ड पार्टी द्वारा एक शाम भगवान झूलेलाल के नाम से आयोजित की गई। इस अवसर पर लाली मेरे लाल की जीत देखू उत लाल दमादम मस्त कलनंदर अलीदा पहला नम्बर लाल मेरी पत रख जा भला झूलेलालण ऐसे कई भजनों पर भक्तजन झूम उठे। इस अवसर पर सिंधी समाज के अध्यक्ष मिरचुमल कृपलानी, दुर्गेष मेघानी, रामप्रकाष कोटवानी, गोविन्दराम लालवानी, भगवानदास ठारवानी, निहालचंद मेघानी, भगवानदास आसवानी, टोपूमल, षितलदास जीवनानी, हरीष जीवनानी, पेसूमल सुनिल सेवकानी, हेमन्त मेठाणी, विजय लालवानी, कमल, कारूमल खूबचंदाणी व बड़ी तादाद में महिलाएं युवावर्ग ने भगा लिया। मंदिर द्वारा दोपहर एक बजे आम लंगर का आयेाजन हुआ जिसके अंदर हजारों भक्तजनों ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया। इस आयेाजन को सफल बनाने के लिए पुरा मंदिर रंग बिरंगी लाईटों से सजाया व सवारा गया।
सिंधी समाज जी पहचान फोल्डर का विमोचन किया गया
पूज्य भगवान झूलेलाल मंदिर में भारतीय सिंधू सभा बाड़मेर द्वारा सिंधी समाज की पहचान फोल्डर का विमोचन किया गया। सिंधी समाज के अध्यक्ष मिरचुमल कृपलानी, दुर्गेष मेघानी, रामप्रकाष कोटवानी, पवन कुमार राजवानी, भगवानदास ठारवानी, हरीष जीवनानी, भगवानदास आसवानी, हेमन्त मेठाणी व सिंधी समाज के गणमान्य लोगों ने इस आयोजन में भाग लिया। इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी दुर्गेष मेघानी ने कहा सिंधी समाज का इतिहास गोरवषाली इस समाज में महाराजा दाहरसेन अमर शहीद हेमू कॅलाणी जैसे कई वीर योद्धा सपूत हुए है। इन्होनें अखण्ड भारत में अपना योगदान दिया। सिंधी समाज को गोरवान्वित किया। सिंधी समाज के अध्यक्ष मिरचूमल कृपलानी ने कहा कि सिंधी समाज आज के समय प्ररमार्थी है। भारत पाकिस्तान विभाजन होने के बाद सिंध से सिंधी समाज के जो लोग आए तो साथ में सिर्फ अपनी मातृ भाषा लेकर आये उस मातृ भाषा को कायम रखते हुए कठोर मेहनत, परिश्रम कर सिंधी समाज सरणार्थीयों से परमार्थी बन गया। सिंधी समाज ने कभी भी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया अपनी मेहनत से ही पूरे विष्व में अपनी पहचान बनाई है। इस अवसर पर भगवानदास आसवानी ने कहा कि ऐसा कोई शहर नहीं जहां अपना केहर नही, एक बात और बता दे ऐसी कोई गली नहीं जहां सिंधी की चली नहीं। इसलिए आज पूरे विष्व में सिंधी समाज की एक अलग पहचान है।
भगवानदास आसवानी
प्रवक्ता
मो. 9414269185

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