पानी की छीजत रोकने के प्रयासों का संभाग स्तर पर होगा विस्तार

छीजत को रोकने के लिए जापानी तर्ज पर किया जाएगा सॉफ्टवेयर विकसित।
नवनियुक्त 1200 से ज्यादा अभियंताओं को छीजत रोकने का दिया जाएगा प्रशिक्षण।
पाइप लाइन से छीजत रोकने के लिए एक आईटी सेल और एनआरडब्ल्यू सेल का होगा गठन।

vshl0396जयपुर, 06 अक्टूबर। जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जेसी महान्ति की अध्यक्षता में गुरुवार को जयपुर शहर में पेयजल वितरण में एनआरडब्ल्यू (नॉन रेवेन्यू वाटर) या छीजत को कम करने के लिए जापान के तकनीकी सहयोग से संचालित किए जा रहे चार पायलेट योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
एसएमएस स्टेडियम के कमेटी हॉल में आयोजित पांचवीं जॉइंट कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक में श्री महान्ति ने बताया कि जयपुर में एनआरडब्ल्यू (छीजत) रोकने के अच्छे परिणाम मिले हैं, इसके चलते जयपुर के चार पायलेट क्षेत्र (बनीपार्क, मानसरोवर, चित्रकूट एवं आदर्श नगर) के साथ प्रदेश के अन्य संभागों के शहरी क्षेत्रों में भी छीजत को रोकने के प्रयासों का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए विभाग में एक आईटी सेल एवं एनआरडब्ल्यू सेल का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अकेले जयपुर शहर में कुल पेयजल सप्लाई का लगभग 40 प्रतिशत पेयजल छीजत में चला जाता है, जिससे न केवल उपभोक्ता को पूरा पानी नहीं मिल पाता वहीं सरकार को भी राजस्व हानि झेलनी पड़ती है। इसकी रोकथाम के लिए विभाग ने जापान की एजेंसी जाइका (जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी) से तकनीकी सहयोग लेते हुए नवाचार करने का प्रयास किया। इसके तहत विभाग के इंजीनियर्स को प्रशिक्षण के लिए जापान भेजा गया और प्रशिक्षित इंजीनियर्स के अनुभवों से पानी की छीजत को कम करने में भी खासी मदद मिली।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि शहर में छीजत रोकने के लिए शहर के चार क्षेत्रों (बनीपार्क, मानसरोवर, चित्रकूट एवं आदर्श नगर) को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर चिन्हित किया गया। इन क्षेत्रों में 12 हजार उपभोक्ता मीटर एवं पाइप लाइन बदलने, बल्क मीटर लगाने आदि का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता संगठन (डब्ल्यूएसएसओ) एवं नवीन प्रस्तावित एनआरडब्ल्यू सेल के द्वारा विभाग में नवनियुक्त 1200 से ज्यादा अभियंताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि छीजत पर और अधिक लगाम लगाने के लिए शहर में उपभोक्ताओं के बंद मीटर बदलने, पुरानी पाइप लाइन बदलने, बल्क मीटर लगाने, अवैध कनेक्शन काटने एवं समस्त कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए जापानी तर्ज पर सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जाएगा।
बैठक में जाइका इंडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधि श्री टांजे, परियोजना समन्वयक श्री सुजुकी, श्री फुजिवारा, श्री सावरा, मूल्यांकन सलाहकार श्रीमती ओनोजातो के अलावा जयपुर में कार्यरत जाइका के अधिकारियों के अलावा जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता (मुख्यालय) श्री सीएम चौहान, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री अशोक गर्ग एवं सिटी सर्किल के संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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