देव उठेंगे, 11 नवंबर से गूंजेंगी शहनाइयां
बीकानेर 6/11/16 । घोड़ियां बुक हैं। दिसंबर माह तक ही नहीं बल्कि वर्ष 2017 के पहले महीने में मकर संक्रांति से लेकर आगामी शुभ विवाह मुहूर्त के दिनों के लिए भी तमाम घोडियों की बुकिंग की जा चुकी है। एक बैंड से संबद्ध घोड़ी वाले के अनुसार वैसे भी शादियों के लिए घोड़ियों की संख्या बहुत कम रह गई है। इसी वजह से कई दूल्हों ने मोटरचालित रथ तो कुछ ने सजीसजाई कार पर सवार होकर दुल्हन लाना स्वीकारा है। साथ ही दूरदराज शहरों से अपने सगे-संबंधियों और यार-दोस्तों को किसी भी तरह से शहर में आकर बारात में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है। इसका कारण है, शहर में आने वाली तमाम एक्सप्रेस, मेल ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति होना। राणकपुर, जम्मू-तवी आदि गाड़ियों सहित तमाम आने-जाने वाली ट्रेनों में इन दिनों आरक्षण उपलब्ध नहीं हो रहा। हलवाई और दूध-दही की बुकिंग भी काफी पहले ही लोगों ने कर ली। विवाह समारोह के लिए हॉल, टैंट हाउस भी बुक हो चुके है। यहां तक कि वरमाला, सेहरा, फूल मालाओं की बुकिंग भी अब मुश्किल और महंगी हो गई है। और तो और, फल सब्जी मंडी में भी विवाह समारोहों के लिए लोगों ने पहले से मनपसंद सब्जियां और सलाद, फलों का मिलना सुनिश्चित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इन सब की वजह है वर्ष 2016 में 15 जुलाई से चातुर्मास आरंभ होने पर सोये देवों का 11 नवंबर को देव उठनी ग्यारस पर जागना। इसी दिन तुलसी-शालिग्राम का विवाह अनुष्ठान संपन्न किया जाएगा और चार माह से अधिक समय से मांगलिक कार्यों पर आई बाधा दूर होगी। शहनाइयां गूंजेंगी। शहनाइयों की गूंज 14 दिसंबर तक बनी रहेगी। इस दरमियान श्रेष्ठ, शुभ विवाह के 15 मुहूर्त ज्योतिषी-पंडितों द्वारा बताए गए हैं। इस पूरी अवधि के तमाम दिनों में यात्रा करने की प्लानिंग लोगों ने पहले ही बना ली और अब ट्रेनों में सामान्यतया आरक्षण मिलना मुश्किल बताया जा रहा है। 14 दिसंबर से मलमास आरंभ होगा तथा इसके बाद वर्ष 2017 जनवरी में मकर संक्रांति मनाने पश्चात ही फिर से मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।
मोहन थानवी
स्वतंत्र पत्रकार, साहित्यकार
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