बाल शातिर करें देश और दुनिया में बीकानेर का नाम रोशन-महापौर

ग्यारहवीं रंगीला स्मृति शतरंज प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित

ddv_0697बीकानेर, 1 जनवरी। महापौर नारायण चैपड़ा ने कहा कि बाल शातिर लगन, मेहनत और समर्पण के साथ सकारात्मक खेल भावना रखते हुए खेलंे, जिससे देश और दुनिया में बीकानेर का नाम रोशन हो सके।
महापौर मंगलवार को नालंदा सीनियर सैकण्डरी स्कूल में आयोजित ग्यारहवीं रंगीला स्मृति शतरंज प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क के सर्वांगीण विकास के लिए शतरंज जैसे बौद्धिक खेलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। शतरंज खेलने वाले शातिर जीवन में आने वाले उतार-चढ़ावों का बखूबी सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनेक खिलाड़ियों ने बीकानेर का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। यहां खेलने वाले शातिर भी इस परम्परा को कायम रखें। उन्होंने रंगीला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को अनुकरणीय बताया।
महापौर ने कहा कि हमें स्वच्छता का महत्व भी समझना होगा। प्रत्येक व्यक्ति अपने घर में साफ-सफाई रखने के साथ गली, मोहल्ले और आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा वर्तमान में 32 वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। शीघ्र ही सभी वार्डों में यह व्यवस्था प्रारम्भ कर दी जाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि स्कूल परिसर को साफ-सुथरा बनाए रखें, जिससे वे स्वस्थ रह सकें। उन्होंने कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से बीकानेर की सुंदरता से और अधिक इजाफा किया जा सकता है।
सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी हरि शंकर आचार्य ने कहा कि शातिर सकारात्मक खेल प्रतिस्पर्धा के साथ खेलें। वे अपने जीवन के लक्ष्य निर्धारित करें और सतत मेहनत करें। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शाॅर्टकट नहीं होता। जीतने के लिए लगातार प्रयास करने चाहिए। राजस्थान शतरंज संघ के उपाध्यक्ष एडवोकेट शंकर लाल हर्ष ने कहा कि संस्था द्वारा सतत रूप से रंगीला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का अनुसरण किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता शातिरों को तराशने का प्रमुख माध्यम बन चुकी है। उन्होंने कहा कि रंगीला ने अपना समूचा जीवन खेल और खेल लेखन को समर्पित कर दिया।
इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का आगाज किया। संयोजक एडवोकेट जुगल किशोर व्यास ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पुष्कर से आए वरिष्ठ शातिर ज्योतिप्रकाश शर्मा ने इसे जीवन के अविस्मणीय पल बताया। संस्था अध्यक्ष एडवोकेट बसंत आचार्य ने आगंतुकों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन मधुसूदन व्यास ने किया। इस अवसर दुर्गा शंकर आचार्य, पूर्व मिस्टर डेजर्ट राजेन्द्र व्यास, भैंरूरतन व्यास, अनिरूद्ध आचार्य, डी. पी. छींपा, बुलाकी हर्ष, रोहित व्यास, केशव आचार्य सहित अनेक पदाधिकारी, प्रतिभागी और आमजन मौजूद थे।
विजेता हुए पुरस्कृत
इस अवसर पर ग्यारहवीं रंगीला स्मृति शतरंज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करेन वाले प्रद्युम्न पुरोहित, दूसरे स्थान पर रहे बजरंग लाल प्रजापत और तीसरे स्थान पर रहे प्रशांत पुरोहित को अतिथियों ने पुरस्कृत किया। इसी प्रकार जूनियर वर्ग में विजेता रहे तुषार वर्मा, संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे आदित्य पुरोहित एवं आदित्य जैन तथ तीसरे स्थान पर रहे प्रमोद सिंह चैहान भी पुरस्कृत हुए। कार्यक्रम के दौरान बाल शातिर के रूप में पांच वर्षीय सुकेत नारायण जोशी, वरिष्ठ शातिर के रूप में अलवर के गोविंद सारस्वत एवं ज्योति प्रकाश शर्मा तथा महिला शातिर के रूप में पूर्वा पुरोहित को सम्मानित किया गया। अनुशासित शातिर के रूप में जय शंकर ओझा, आर्बिटर के रूप में प्रभावी भूमिका निभाने वाले शैलेष गुप्ता, सत्यनारायण करनाणी, भवानी शंकर आचार्य और रेलवे के रामकुमार को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।

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