अजमेर, 08 मार्च। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को जवाहर रंगमंच पर किया गया।
जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया ने कहा कि महिला दिवस महिलाओं को उनके अधिकारों तथा मान सम्मान के प्रति जागरूक करेन के लिए मनाया जाता है। महिलाएं अपने दायित्वों को ईमानदारी से निभाती है। महिला व पुरूष समाज की कड़ियां हैं। इनकी मजबूती से ही समाज मजबूत होगा। उन्होंने लैंगिक भेदभाव समाप्त करने, राज्य को बाल विवाह मुक्त करने तथा बालिकाओं के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्माण की शपथ दिलायी।
पूर्व जिला प्रमुख सरिता गेना ने कहा कि महिला एवं पुरूष एक दूसरे से सहयोग से ही पूर्णता को प्राप्त करते है। महिला एक मकान को घर बनाने की भूमिका निभाती है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं को खास होने का अहसास कराता है। महिलाओं को अपनी योग्यता और ताकत की पहचान करके आगे बढ़ना चाहिए। महिलाओं को पुरूषों और परिवार साथ लेकर चलने की योग्यता प्राप्त होती है। इसी से इन्हें परिवार की धुरी कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि बेटी को भारतीय परम्परा में सम्मानीय स्थान प्राप्त है। महिला को देवी के रूप में पूजनीय माना गया है। ऐसे में बेटी को बचाने की अपील करना समाज की सोच में बदलाव को दर्शाता है। लिंगानुपात में कमी होना चिन्ता का विषय है। राज्य तथा केन्द्र सरकार बेटियों को बचाने के लिए कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है। बेटियों को पढ़ाने तथा आगे बढ़ाने के लिए भी सरकार के स्तर पर विशेष प्रयास किए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए शुरूआत स्वयं से करनी होगी। महिलाओं को भी महिलाओं के प्रति सामान्य सोच से ऊपर उठकर व्यवहार करना चाहिए। वर्ष में एक दिन महिलाओं को समर्पित करने से आधी आबादी के साथ न्याय नहीं हो सकता है। हर दिन को महिला दिवस की तरह मनाकर महिलाओं को सम्मान एवं अधिकार देने से ही महिला दिवस की सार्थकता है।
पुलिस महानिरीक्षक श्रीमतीमालिनी अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं को हर दृष्टि से सशक्त होना आवश्यक है। सशक्तिकरण एक नियमित प्रक्रिया है। महिला और पुरूष प्रकृति द्वारा सृजित दो अलग-अलग व्यक्त्वि हैं। दोनो की अपनी अलग-अलग मजबूती और कमजोरियां है। महिलाएं अपनी खूबियों पर गर्व कर सकती है। महिलाएं शिक्षित होकर जागरूक होने के साथ ही विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकती है। महिला को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए नौकरी अथवा स्वरोजगार का सहारा लेना चाहिए। एक महिला की सफलता अन्य महिलाओं को आगे बढ़ाने में होती है।
अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार ने कहा कि महिला विधाता के द्वारा तैयार एक अनुपम रचना है। महिला प्रत्येक परिस्थिति से मुकाबला करके परिवार को आगे बढ़ाने में लगी रहती है। वह अपनी समस्त संतानों की समान परवरिश करने की योग्यता रखती है। यह मजबूत दिल और दिमाग वाली होती है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक श्रीमती अनुपमा टेलर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को पर्याप्त अधिकार प्रदान किए गए है। बाल विवाह और कन्या भु्रण हत्या को रोका जाना सबका दायित्व है।
इन्हें किया गया सम्मानित
अजहमेर जिले में बेहतरीन कार्य करने वाली महिलाओं को समारोह में सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ साथिन पुरस्कार लोठियाना ग्राम की श्रीमती निर्मला लोढ़ा को प्रदन किया गया। इन्हें प्रशस्ति पत्रा एवं 11 हजार रूपए प्रदान किए गए। इसी प्रकार श्रीनगर की श्रीमती कान्ता पीपलाज की श्रीमती सुशीला, सथाना की श्रीमती रईसा, खिरियां कीश्रीमती बसंत कंवर, नागौला की श्रीमती सरस्वती तथा नलू की श्रीमती इंद्रा शर्मा को भी पंचायत समिति परियोजना में प्रसंशनीय कार्य करने पर सम्मानित किया गया। माता यशोदा पुरस्कार के अन्तर्गत जादूगर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती निशि जैन को 5100, नौसर की आंगनबाड़ी सहायिका शाहजहां बेगम को 2100 तथा कोटड़ा की आशा सहयोगिनी मनभर देवी को 2100 रूपए का पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्रा प्रदान किया गया। इस योजना के अन्तर्गत सांदोलिया की लक्ष्मी देवी जांगिड़, प्रीती सैन, केसर, रेगरान छोटावास की अल्का जैन, हिम्मत नगर की पिंकी, हाउसिंग बोर्ड ब्यावर की सरोज चैहान, बांदनवाड़ा की देवल देवी एवं रीता देवी, डबरेला की सीमा, मेड़िया की राज किरण गौड़ एवं रसाल, बामहेड़ा की राधा देवी, देवगांव की सीमा देवी, मैना देवी, सुनिता जांगिड़, किशनगढ़ की माफ कंवर, भंवरी देवी, मैना देवी, नयागांव की लक्ष्मी देवी एवं सीमा देवी, डीडवाड़ा की सूरज देवी, जीवाणा की पुष्पा रावत, शान्ति रावत एवं लीला रावत, लामाना की किरण देवी, संतोषी देवी एवं महरून तथा भुडोल की चांददेवी, रामीदेवी एवं सीता को भी सम्मानित किया गया।
राजस्थान ग्रामीण विकास आजीविका परिषद के द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों में से पंचसूत्रा का पालन करते हुए उत्कृष्ट कार्य करने पर केकड़ी के सरस्वती राजीविका महिला स्वयं सहायता समूह कलस्टर पारा तथा नारी जाग्रति महिला राजीविका स्वयं सहायता समूह कलस्टर कादेड़ा को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार रोलर स्केटिंग राष्ट्रीय चैंपीयनशिप प्रतियोगिता में भाग लेकर जिगजेग इवेंट में स्वर्ण पदक एवं स्ट्रेट रोलर स्केटिंग में रजत पदक प्राप्त करने वाली बीपीएल परिवार कर मोनिका बागड़ी को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। मोनिका के पिता मजदूरी करते है। राष्ट्रीय स्तरीय विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिता में राज्य का नाम रोशन करने वाले कृतिका, कोमल परोदा, बुलबुल राठोड़, रेणुका चैहान, मनीषा मीना, पूजा, पिंटू जाणी को भी सम्मानित किया गया। राज्य स्तरीय विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कृतिका, निशा मालावत, खुशबू गोलेचा, बुलबुल राठोड़ को भी सम्मानित किया गया। गाईड गतिविधि के लिए राधिका चैधरी एवं खुशी चैहान को सम्मान मिला।
इस अवसर पर श्रीनगर प्रधान श्रीमती सुनिता रावत, जवाजा प्रधान श्रीमती गायत्राी देवी, प्रशिक्षु आईएएस अंजली रोजोरिया, एसीएम श्वेता यादव, महिला अधिकारिता विभाग के कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार शर्मा उपस्थित थे।