इन भावो की जानकारी के लिए वर्तमान में कमोडिटी MCX पे निर्भरता रहती हे वहा पर दिन भर भावो का उतार चढ़ाव चलता हे और सभी व्यापारी उस पे निगाह रखते हे और उसी अनुरूप व्यापार करते हे ।
जब हम सभी MCX के अनुरूप व्यापार करते हे तो एक बात समझ में नहीं आती की MCX और हाजिर मार्केट में इतना फर्क क्यों रहता हे और क्यों ???
ये व्यापारी कभी तो MCX पे चल रहे भाव से कम में व्यापार करते हे, कभी MCX के बराबर भाव में व्यापार करते हे ओर कभी MCX पे चल रहे भाव से ज्यादा भाव पर व्यापार करते हे ।
ऐसा क्यों होता हे???
हिन्दुस्तान की जनता आज तक समझ नहीं पाई ।
क्या यह फर्क हिन्दुस्तान की कोई एजेंसी निर्धारित करती हे या केवल व्यापारी अपनी मर्जी से अपने निजी स्वार्थ के लिए इसमे परिवर्तन कर ग्राहकों को चुना लगाता हे ।
? कही ऐसा तो नहीं की देश के चुनिंदा बड़े व्यापारी किसी मिली भगत से सोने चांदी के भाव में कृत्रिम उतार चढ़ाव का खेल खेलते हो और मोटा मुनाफ़ा कमाते हो, यदि ऐसा होता हे तो इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए ।
सोने चांदी के व्यवसाय से जुड़े अजमेर के एक व्यापारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पे बताया की बुलियन कारोबार से जुडी मुम्बई की बड़ी फर्मो द्वारा MCX पे बड़े बड़े सौदे कर भावो को अपने हिसाब से चलाने का खेल खेला जाता हे |
यदि यह सच हे तो वाकई में गंभीर बात हे । इसकी जांच करा कर, आम आदमी को होने वाले नुकसान से बचाना चाहिए ।
एक उदाहरण अभी कुछ दिनों पहले भाव MCX के बराबर चल रहे थे लेकिन अचानक उन्होंने MCX के भावो से ज्यादा भाव लगा कर भावो में वृद्धि कर कृत्रिम तेजी कर दी ।
इसमें भी परेशानी तब होती हे जब एक ही राज्य में दो बड़े शहरो में ही भावो में बड़ा फर्क देखने को मिलता हे । उदाहरण के लिए जेसे राजस्थान के जयपुर और जोधपुर दो बड़े शहर हे और यहाँ बुलियन का काम भी बड़ी मात्रा में होता हे और यहाँ भी दोनों शहरो में कभी कभी तो सोने में 50 से 200 रूपये प्रति 10 ग्राम और चांदी में 200 से 500 रूपये किलो तक से ज्यादा का फर्क चलता हे ऐसा क्यों होता हे??? जबकि सोने और चांदी के भाव MCX से निर्धारित होते हे और MCX पुरे भारत में एक भाव चलाता हे ।
ऐसे उतार चढ़ाव से इसका आम आदमी की जेब पे सीधा प्रभाव पड़ता हे जीस कारण एक बड़ी रकम का नुकसान आम आदमी को होता हे ।
भावो के इस खेल में संभव हे कुछ हद तक अनियमित मांग और आपूर्ति का भी कारण हो, लेकिन जहा तक में समझता हु उसका प्रभाव बहुत ही कम होता हे ।
जब आम आदमी भावो में गिरावट के समय MCX के भाव से हाजिर बाज़ार में माल लेने जाता हे तो उसे उसको उस भाव के अनुसार माल नहीं मिलता और जब तेजी में बेचने जाता हे तो उस समय उसका माल उस भाव से बिकता नही हे । जिस कारण आम आदमी दोनों समय व्यापारियो द्वारा ठगा जाता हे ।
इस तरह के उतार चढ़ाव से आम सर्राफा व्यापारी भी परेशान हे । इन भावो के फर्क को आम ग्राहकों को समझाना व्यापारी के लिए बड़ा ही मुश्किल हे |
सरकार को चाहिए की जब MCX बुलियन के भाव निर्धारित करती हे तो फिर व्यापारियो द्वारा अपने स्वार्थ के लिए किये जाने वाले इस प्रकार के कृत्रिम उतार चढ़ाव पर अंकुश लगा कर और आम जनता को होने वाले करोडो रूपये के नुकसान से बचाये ।
जैसा की हम सब जानते हे की नोट बंदी में सोने चांदी के व्यापारियो ने 28/30 हजार प्रति 10 ग्राम के भाव के सोने को 45 से 55 हजार 10 ग्राम तक के भाव से बेच कर अरबो रूपये का खेल खेला ।
सोने चांदी के भावो में इसी कृत्रिम तेजी मंदी से आम नागरिक अपने आपको ठगा सा महसूस करता हे ।
अब समय आ गया हे की सरकार द्वारा इसे नियंत्रित किया जाय और सोने चांदी के भाव पुरे भारत में एक समान हो इसके लिए MCX के अनुसार भाव निर्धारित करे जिसमे तय किया जाना चाहिए की हाजिर मार्केट में भाव कम रहेंगे या ज्यादा और यह भी तय करे की हाजिर मार्केट में और MCX के भावो कितने प्रतिशत का अंतर रहेगा, जीससे आम आदमी के साथ रोज रोज की होने वाली धोखा धडी को रोका जा सके ।
वित्त मंत्रालय इस और विशेष ध्यान देकर जनता के साथ होने वाली धोखा धडी को रोकने की कोशिस करे । आम जनता भी ज्यादा से ज्यादा बिल लेकर ही लेन देन करे और सरकार को चाहिये की MCX पे होने वाले सौदो की फिजिकल डिलेवरी की व्यवस्था में सुधार करे और इसके लिए फिजिकल डिलेवरी लेने और देने के लिए केन्द्रो की संख्या में वृद्धि करे जिससे बाजार में होने वाली धोखा धडी से बचा जा सके । फिजिकल डिलेवरी सेंटर की कमी के कारण ही बुलियन व्यापारी इसका नाजायज फायदा उठाते हे । यदि सरकार और MCX द्वारा पोस्ट आफिस या बेंको के माध्यम से डिलेवरी लेना और देना शुरू कर दी जाए तो आम आदमी को व्यापारियो द्वारा की जा रही लूट से बचाया जा सकता हे ।
हेमेन्द्र सोनी @ BDN जिला ब्यावर