बाड़मेर। निरकारी संत्सग भवन में रविवार को प्रातः संत्सग का आयोजन हुआ। संत्सग में सबोधित करते हुए महात्मा ने बताया कि पापी से पापी मानव में भी संत्सग से परिवर्तन आ जाता है मन शुद्वता को प्राप्त कर लेता है। फलस्वरुप, प्रेम नम्रता का प्रस्फुटन हो जाता है। ऐसी उगंम शिक्षाओं की प्राप्ती केवल संत्सग से ही प्राप्त होती है। मन अभिमान रहित निर्मल बन जायेगा सबके कल्याण की भावना भी उजागर किया। प्रवचनों से पूर्व स्थानीय संयोजक महात्मा शांतिलाल ने संत्सग कार्यक्रम में विभिन्न बिन्दुओं व अनुशान वाली भक्ति करने की प्रेरणा प्रदान की। इस दौरान कई सेवादल भाई-बहिनें मौजुद रहे।
क्षेत्रीय संचालक नरसिंगराम पालीवाल एवं संयोजक महात्मा शांतिलाल की अध्यक्षता में शनिवार को सेवादल प्रशिक्षण का आयोजन हुआ। इस आयोजन में सन्त निरकारी सेवादल भाई-बहिनों को संत्सग में विभिन्न सेवाओं को सुन्दर तरिके से निभाने हेतु विस्तार से जानकारी दी गई साथ ही बताया गया कि समाज कल्याण हेतु रक्तदान, वृक्षारोपण व साफ सफाई अभियान हेतु सेवाओं की जानकारी दी। इस प्रशिक्षण शिविर में बाड़मेर यूनिट के सभी भाई-बहिनों ने अपनी उपस्थिति दी।