भाषा का महत्व जीवन में गौरव बढाने का होता है

सिन्धु सभा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक
aaभाषा का महत्व जीवन में गौरव बढाने का होता है, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव पारित किया है कि प्रारम्भिक शिक्षा मातृभाषा में ही देनी चाहिये, ऐसे मार्गदर्शन भारतीय सिन्धु सभा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र में मार्गदर्शक कैलाशचन्द जी ने प्रकट किये। उन्होने कार्य करने की प्रेरणा देने वाले को कार्यकर्ता बताते हुये सदैव दायित्व समझकर सेवा करने की बात कही। इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष लेखराज माधू ने कहा कि दो दिवसीय बैठक में लिये गये निर्णयों को मूर्तरूप देने के लिए हमे पूरे वर्ष समाज के सभी संगठनों को जोडकर अपने लक्ष्य प्राप्त करने हैं।
प्रदेश संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने प्रदेश पदाधिकारियों, संभाग प्रभारी व जिलाध्यक्ष, जिला मंत्री के दायित्वों की घोषणा करते हुये सभी को इस वर्ष सदस्यता अभियान, मंगल निधि कोष प्रारम्भ करने व सिन्धी भाषा के स्वर्ण जयंती रथ यात्रा की जानकारी देते हुये पूर्व कुलपति मनोहरलाल कालरा को समिति अध्यक्ष व डॉ. प्रदीप गेहाणी, जोधपुर को मंत्री की जिम्मेदारी दी। जो कार्यसमिति का गठन कर यात्रा को अंतिम रूप दंेगे।
सत्र का संचालन प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी व आभार महानगर मंत्री हीरालाल तोलाणी ने किया। स्वागत भाषण महानगर अध्यक्ष चन्द्र वरियाणी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ईष्टदेव झूलेलाल, भारत माता व शहीद हेमू कालाणी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। गीत नारायणदास पारवाणी ने प्रस्तुत किया। अतं में सामूहिक राष्ट्रगान किया गया।
बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री नवलराय बच्चाणी, प्रदेश पदाधिकारी सुरेश कटारिया, प्रदेश युवा उपाध्यक्ष टीकम पारवाणी, नोतनदास कर्मचंदाणी महेश टेकचंदाणी, डा. वासुदेव केसवाणी, श्रीमति लीला कृपलाणी, किशनचंद ककवाणी, लेखराज जेसवाणी, श्रीमति शोभा बसंताणी, तुलसी संगताणी, तेजभान शर्मा सहित पदाधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश कार्यसमिति बैठक में पांच पारित प्रस्ताव
1. राजस्थान सिन्धी अकादमी की कमेटी का शीघ्र गठन किया जाये, जिससे सिन्धी भाषा व संस्कृति के कार्य करने में सहयोग मिले। अकादमी का बजट दो करोड रूपये वार्षिक करने के आदेश प्रसारित किये जाये।
2. सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रियों के सहयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश मे संशोधन कर सहयोग प्रदान किया जाये।
3. सिन्धी विषय लेकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए किताबों की उपलब्धता करवाई जाये एवं सहयोग राशि भी उपलब्ध कराई जाये।
4. राजस्थान विश्वविद्यालय में स्नातक व स्नातकोतर स्तर पर सिन्धी विषय अध्ययन प्रारम्भ करवाया जाये।
5. राज्यभर से आये विद्यार्थियों के लिए सिन्धु यूथ हॉस्टल का निर्माण जयपुर में करवाया जाये।
तृतीय सत्र में सिन्धी भाषा के कार्यकम व संगठन की गतिविधियों के साथ वर्ष 2017-18 के बालसंस्कार शिविरों पर विस्तार से चर्चा हुई लक्ष्य 150 शिविरों के आयोजन तय किया गया। जिसका संचालन गिरधारीलाल ज्ञानाणी ने किया। सिन्धी भाषा मान्यता के स्वर्ण जयंती वर्ष में सभा की ओर से प्रदेशभर में सभी ईकाईयो द्वारा पूज्य सिन्धी पंचायत, संतो महात्माओं के आशीर्वाद से कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें।

(मोहनलाल वाधवाणी)
प्रदेश संगठन महामंत्री,
मो.09414047231

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