मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान को देना होगा ‘जन क्रांति‘ का रूप

zzzजयपुर, 11 अप्रेल। जलदाय मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि संतों के आशीर्वचन और जन सहभागिता का परिणाम है कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ का प्रथम चरण बेहद सफल रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण को सफल बनाने के लिए समाज के हर तबके को कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना पडेगा तभी यह अभियान ‘जन क्रांति‘ का रूप ले पाएगा।
श्री गोयल मंगलवार को जयपुर के जिला परिषद सभागार में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत संभाग स्तरीय कार्यशाला में धार्मिक ट्रस्ट एवं संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का सुखद परिणाम है कि पहले चरण के कार्यों से प्रदेश के कुल 295 ब्लॉकों में से अब 50 ब्लॉक सेफ जोन की श्रेणी मे आ चुके हैं। उन्होंने आह्वान किया कि दूसरे चरण में भी सब मिलकर इस मिशन में जुटे कि जल संरक्षित कर 50 और ब्लॉकों को इस बार सुरक्षित बनाया जा सकें। उन्होंने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम नहीं है बल्कि जन अभियान है, इसी के जरिए हम आने वाले कल को संवार सकते हैं।
जलदाय मंत्री ने कहा कि 27 जनवरी 2016 से शुरू हुए ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ में प्रदेश भर में करीब 2 हजार संतों के कर कमलों से इस पुनीत योजना का श्रीगणेश हुआ और इससे करीब साढे तीन हजार से ज्यादा गाँव जल के मामले में आत्मनिर्भर हो गए। उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर हर व्यक्ति, इस पुनीत काम में सहभागिता निभाएगा तो प्रदेश के लिए जल संकट का मुकाबला करना आसान होगा।
श्री गोयल ने कहा कि पूरे देश की तुलना में राजस्थान में 1.47 प्रतिशत भूजल और 1.1 प्रतिशत सतही जल है। यही नहीं प्रदेश में उपलब्ध जल का 93 प्रतिशत लवणीय, 50 प्रतिशत फलोराइड युक्त और 53 प्रतिशत नाइट्रेट युक्त है। ऐसे में जल को सुरक्षित करके ही आने वाले कल को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा जल सरंक्षण के लिए सभी सामाजिक, धार्मिक संगठनों को गांवों को गोद लेकर लोगों को पानी को बचाने के लिए जागरूकता भी लानी होगी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए संभागीय आयुक्त श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के माध्यम से प्रदेश की लम्बे समय से चली आ रही जल संकट की समस्या के समाधान के लिए अपूर्व प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी अभियान में समाज के हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। प्रथम फेज में श्रमदान, सामग्री एवं धनराशि के माध्यम से जनता ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया इसी कारण अभियान ने सफलता की नई ऊचाईयाँ तय की तथा जल सरंक्षण में नए आयाम स्थापित हुए।
जिला कलक्टर श्री सिद्धार्थ महाजन ने कार्यशाला में आए धार्मिक संगठनों एवं ट्रस्टों के प्रतिनिधियों सहित सभी का आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की तरह दूसरे फेज में भी सबकी भागीदारी से धरातल पर ठोस कार्य होंगे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जो भी संगठन व स्वयं सेवी संस्थाएं इस अभियान से जुड़ेंगे, उनको पूरा सहयोग मिलेगा।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आलोक रंजन ने अपने स्वागत उद्बोदन में कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत बनने वाली संरचनाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इसके लिए थर्ड पार्टी आडिट तथा अलग-अलग स्तरों से निरीक्षण किया जा रहा है।
कार्यशाला में संभाग के जयपुर, अलवर, सीकर, दौसा, व झुंझुनू जिलों में एमजेएसए के प्रथम चरण में संपादित कार्यों उपलब्धियों और सफलता की कहानियों का सचित्र प्रस्तुतीकरण दिया गया। साथ ही द्वितीय चरण में हाथ में लिए गए एवं प्रगतिरत कार्यों की जानकारी दी गई। कार्यशाला में संभाग के सभी जिलों से आए धार्मिक ट्रस्ट व संगठनों, इन्डस्ट्रीरियल एसोसिएशन, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने शिरकत की।

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