फ़िरोज़ खान
बारां 17 अप्रेल। बारां, झालावाड़ एवं कोटा जिले के किसानों के लिए जीवनदायिनी कही जाने वाली कांग्रेस के शासन में स्वीकृतशुदा परवन वृहद सिंचाई परियोजना से हजारों किसान परिवारों का भविष्य जुडा हुआ है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के बताया कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो किसान भाईयों के लिए वरदान साबित होगा। इससे किसान भाईयों के साथ मजदूर भाईयों, व्यापारी वर्ग को भी बड़ा फायदा होगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष भाया ने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार की नियत में परवन परियोजना के लिए शुरू से ही खोट रहा है। कांग्रेस शासन के दौरान एक औपचारिकता को छोडकर लगभग सभी सरकारी औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी थी, निविदाएं जारी हो चुकी थी परंतु भारतीय जनता पार्टी ने शासन में आते ही मुख्य बांध के निर्माण की निविदा को पहले स्थगित किया, फिर निरस्त किया, फिर निविदा जारी की जिसमें बेशकीमती तीन साल से अधिक का समय खराब कर दिया। भाजपा के नेताओं ने षडयंत्र रचा और कतिपय व्यक्तियों से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल में परवन परियोजना को स्टे कराने के लिए ओ.ए.नं. 159/2016 तेजपाल, अन्य बनाम राज्य एवं अन्य दर्ज करवाकर स्टे जारी करवा दिया ताकि इस परियोजना का निर्माण अधर में लटका रहे और भाजपा शासन को कहने का मौका मिल जाए कि कोर्ट का स्टे लगे होने से निर्माण नही हो सकता है।
भाया ने अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाना उनका मिशन है तथा किसान हितों के लिए उनके द्वारा इस प्रकरण में प्रमोद भाया ने पैरवी हेतु अपनी ओर से 2 विद्वान अधिवक्ता नियुक्त कर माननीय न्यायालय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल हो चुका है तथा स्थगन आदेश खारिज करवाए जाने को लेकर सुनवाई के लिए एम.ए.नं. 208/2017 स्वीकार कर ली गई है जिसमें आगामी सुनवाई 26 अप्रेल 2017 को नियत है। उन्होनें कहा कि वह भाजपा के षडयंत्रों को परवन परियोजना के लिए कभी सफल नही होने देंगे तथा इस जीवदायिनी कही जाने वाली परवन वृहद्व सिंचाई परियोजना के कार्य को प्रांरभ करवाकर रहेंगे तथा जब तक मौके पर निर्माण कार्य प्रांरभ नही हो जाता तब तक उनका परवन के लिए निरंतर संघर्ष जारी रहेगा।
