डॉ. अम्बेडकर जैसे महापुरूषों के जीवन से लें प्रेरणा

20170417_151309बीकानेर, 17 अप्रैल। केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर जैसे महापुरूषों के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्री मेघवाल सोमवार को बज्जू तहसील परिसर के पास आयोजित डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती समारोह समिति और व्यापार मंडल, बज्जू की ओर से आयोजित कार्यक्रम एवं बज्जू को राजस्व तहसील का दर्जा मिलने पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को संस्कारित बनाएं, जिससे वे जीवन में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर दूरदृष्टा थे। उन्होंने शिक्षा का महत्त्व प्रतिपादित किया था। उन्हें लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से पीएचडी की उपाधि प्राप्त हुई थी। डॉ. अम्बेडकर ने अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाई। उन्होंने श्रमिकों के हितों के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने खेती को उद्योग का दर्जा दिलाने के प्रयास किए।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जब समाज के सभी वर्गों का विकास होगा, तभी देश की सर्वांगीण उन्नति हो सकेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का नारा है, सबका साथ-सबका विकास। सन् 2022 तक सभी को आवास, रोजगार व शिक्षा मिले, इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। डॉ. अम्बेडकर ने शिक्षा, संगठन व संघर्ष का नारा दिया था। उनके रचे समग्र साहित्य का अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का आमजन लाभ उठाएं। उन्होंने बज्जू को तहसील का दर्जा देन पर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग को साकार किया है।
पूर्व विधायक रंेवतराम पंवार ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर संविधान निर्माता थे। हमे उनकी विचाराधारा एवं उनके बताए मार्ग के अनुसरण का संकल्प लेना होगा। बज्जू सरपंच मंगलाराम खिलेरी ने बज्जू के गत वर्षों में हुए विकास कार्यों की जानकारी दी।
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री ने समारोह के दौरान मुद्रा योजना के तहत सिलाई मशीन एवं पॉलीहाउस के लिए सहायता राशि का स्वीकृति पत्र प्रदान किया। श्री मेघवाल ने बज्जू में शहीदे आजम भगत सिंह और डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापना के लिए दस लाख रूपये की स्वीकृति की घोषणा की। सांखला फांटे से रणजीतपुरा तक नई सड़क बनाने की ग्रामीणों की मांग के संबंध में शीघ्र ही सकारात्मक कार्रवाई का विश्वास दिलाया। उन्होंने उपखण्ड अधिकारी को बज्जू में खेल मैदान के लिए भूमि की व्यवस्था के निर्देश दिए, जिससे खेल मैदान शीघ्र ही बनाया जा सके। उन्होंने पट्टा वितरण अभियान में पात्र व्यक्तियों को राहत दिलाने के निर्देश दिए।
पाक विस्थापितों की यथासंभव मदद का भरोसा दिलाया तथा बज्जू के सीनियर सैकण्डरी स्कूल के क्षतिग्रस्त भवन के मरम्मत की मांग के संबंध में कार्रवाई की बात की। उन्होंने बज्जू मंडी के विकास, मुख्य बाजार में आरसीसी सड़क निर्माण के संबंध में प्रस्ताव बनाकर भिजवाने को कहा तथा बिश्नोई समाज के लिए श्मशान भूमि आवंटन के संबंध में कार्रवाई का भरोसा दिलाया। ग्रामीणों ने बज्जू में पूर्ण शराबबंदी लागू करने, बज्जू को पंचायत समिति का दर्जा दिलवाने तथा केसीसी का लाभ पात्र व्यक्ति को दिलाने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम में उपखण्ड अधिकारी जयसिंह मेघवाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र चौधरी, बीसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा, श्रीडूंगरगढ़ नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वरलाल पारीक, श्याम पंचारिया, आयोजन समिति के गोमाराम मेघवाल, हुक्माराम, मोहनलाल लोहिया, तेजाराम, सेवानिवृत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जीवनराम बिश्नोई, भागीरथ तेतरवाल, राजेन्द्र शर्मा, माणकासर सरपंच गणपतराम, उरमूल के अरविंद ओझा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पप्पूराम बारूपाल ने किया। उरमूल सीमांत समिति की बालिकाओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने बाल विवाह रोकथाम रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री का माधोगढ़, बीठनोक और सांखला फांटा के ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया।
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एमजेएसए के तहत धार्मिक ट्रस्टों की कार्यशाला 4 मई को
बीकानेर, 17 अप्रैल। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण के तहत धर्मिक ट्रस्टों की कार्यशाला संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में 4 मई को अपराह्न 11ः15 बजे सीएडी सभागार में आयोजित की जाएगी। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग मंत्री मौजूद रहेंगे।
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बाल विवाह के बताए दुष्परिणाम
bal vivaah gogagateबीकानेर, 17 अप्रैल। बाल विवाह रोकथाम के तहत बाल कल्याण समिति की सदस्या अरूणा भार्गव ने सोमवार को राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल, गुर्जरों का मोहल्ला में शिक्षकों एवं बच्चों को बाल विवाह से होने वाली शारीरिक और मानसिक परेशानियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बाल विवाह नहीं करने तथा दूसरों को इसके लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है। इसे दूर करने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर की संभावनाओं के बारे में बताया।

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