आगरा। दिनांक 24 अप्रैल 2017 दिन सोमवार को ग्राम दहतोरा में ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के तत्वाधान में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया गया। इस मौके पर आयोजित गोष्ठी में दहतोरा के सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के सुनील राजपूत ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, और जिला पंचायत आते हैं। पंचायती राज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है। इसलिए सभी पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी सूझबूझ से अपने गाँव और अपनी पंचायत के विकास के लिए काम करना चाहिए। अगर पंचायत प्रतिनिधि अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना काम करेगा तो पंचायत में विकास कि धारा बहेगी।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि सभी पंचायत प्रतिनिधियों को ग्रामों में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से लोगों की सेवा करनी चाहिए। जिसमे उन्होंने महिला पंचायत सदस्यों का प्रमुख रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि महिला सदस्य शौचालयों के निर्माण जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकती हैं। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि पंचायतों को बच्चों की शिक्षा के प्रति खास ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और बच्चों के विद्यालय न जाने के संदर्भ में पंचायत के सदस्यों को चिंता होनी चाहिए। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि ग्राम सभा की बैठक में सदस्यों की सक्रिय भागीदारी पंचायत राज व्यवस्था को सुदृढ़ एवं ग्रामीण विकास को गति प्रदान करती है। इसलिए ग्राम सभा के सदस्यों का ग्राम सभा की बैठक में जाना न केवल उनका अधिकार ही है, बल्कि उनका कर्त्तव्य भी है। अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रत्येक ग्राम सभा के सदस्य को अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक रहना ग्राम पंचायत के विकास एवं सतत् प्रगति के लिए नितांत आवश्यक है। ग्राम सभा में सदस्यों के सक्रिय भागीदारी से ही पंचायतों का सर्वांगीण विकास संभव है और तब गाँधी का सपना श्श्ग्राम स्वराज हो अपनाश्श् सफल होगा अन्यथा वह कमजोर होगा और पंचायती राज की अवधारणा संदिग्ध रहेगी। इसलिए यह माना जाता है कि ग्राम सभा पंचायती राज की आत्मा है और आत्मा की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का धर्म एवं कर्म होता है।
इस मौके पर उमेश राजपूत, जीतू राजपूत, विष्णु मुखिया, पवन चैधरी, अजय, प्रेमराज लोधी, योगेश, थानसिंह, भीमसेन लोधी, गौरव राजपूत, मुकेश लोधी, रामबाबू, निनुआ खान, सतीश राजपूत, मुकेश राजपूत, सुनील लोधी, वीरेन्द्र राजपूत, छोटू लोधी, चोबसिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।