मोतिहारी ,5 मई 2017 । चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017-18 के अवसर पर मोतिहारी के राजेन्द्र नगर भवन(टाउन हॉल) में आज तीसरे व अंतिम दिन फिल्म ‘मेकिंग ऑफ़ महात्मा’,’महात्मागांधी’, साबरमती आश्रम, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ दिखाई गई।
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अतंर्गत बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन मोतिहारी के टाउन हॉल में 3 मई से 05 मई तक किया गया। अब इस महोत्सव का आयोजन 07 मई से 09 मई तक बेतिया में किया जाएगा।
शुक्रवार को समापन के मौके पर बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड
के आई टी मैनेजर सिप्पु कुमार सिन्हा ने कहा कि गांधी जी विचारों को जन – जन तक ले जाने के लिए अब गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन अब बेतिया में किया जाएगा। वहां भी गांधी जी के विचारों से जुड़ी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, ताकि युवा पीढी उनके विचारों से प्रेरित हो सकें। क्योंकि आज गांधी जी के विचारों को नए पीढ़ी के बीच पहुंचाने की जरूरत है। इस दौरान फ़िल्म विकास निगम के एडमिन पियूष सिप्पु कुमार सिन्हा व पी आर ओ सर्वेश कश्यप,आनंदी कुमार आदि लोग मौजूद थें। फ़िल्म समारोह में अंतिम दिन शहरवासियों का रुझान इस दिखा । बच्चे और महिलाओं ने फ़िल्म का खूब आनंद उठाया।
पहले सत्र में पहली फ़िल्म ‘मेकिंग ऑफ महात्मा’ का प्रदर्शन किया गया। ‘द मेकिंग ऑफ महात्मा’ की कहानी दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी के दौरे व वहां किए गए सुधारों की है। फिल्म में युवा बेरिस्टर मोहन दास करमचंद गांधी को अप्रवासी होने के कारण नस्लवाद का का शिकार होना पड़ता है। इस क्रम में वहां गोरे अंग्रेजों ट्रेन से समान सहित नीचे फेंक दिया जाता है। बाद में अंग्रेजों द्वारा उनकी पिटाई भी की जाती है। इसके बाद वे इन अत्याचारों के खिलाफ खड़े होने का साहस और अहिंसा की लड़ाई लड़ने का फैसला किया। श्याम बेनेगल ने महात्मा गांधी की जिंदगी पर ‘द मेकिंग ऑफ द गांधी’ फिल्म बनाई।
इसके बाद दो शार्ट फ़िल्म ‘महात्मा गांधी’ और ‘साबरमती आश्रम’ का प्रदर्शन किया गया।
दूसरे सत्र में आज की अंतिम फिल्म साल 2006 में राजकुमार हिरानी निर्मित ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ थी। फिल्म में 21वीं सदी के शुरूआत के भारतीयों के सोच से जुड़ी कहानी है। इसमें हंसी के फव्वारे के साथ दिल को छू लेने वाले भी कई संदेश दिखाए गए हैं।
सर्वेश कश्यप
पी. आर.ओ (9708058893)