ब्राह्मण संघर्ष समिति ने देवनानी के विरूद्ध पेश किया इस्तगासा

फौजदारी परिवाद के अर्न्तगत धारा 499, 500, 501, 502 भा.द.स.
अगली सुनवाई 26 मई 2017

11आज दिनांक 11 मई 2017 को ब्राह्मण संघर्ष समिति ने मंत्री देवनानी ने ब्राह्मण समाज के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणी करने के विरोध में इस्तगासा पेश किया। राजस्थान ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष पण्डित सुदामा शर्मा ने अधिवक्ता अजय त्रिपाठी के माध्यम से दायर इस्तगासा पर वर्तमान बार एसोसियेशन के उपाध्यक्ष सत्यनारायण हावा, विवेक पाराशर, कृष्णगोपाल जोशी, योगेन्द्र ओझा, गौरव उपमन्यु, विवेक पारिक, ब्रजेश पाण्डे, मुकेश मिश्रा, पंकज मिश्रा, खुशबू पाराशर सहित 51 ब्राह्मण अधिवक्ताओं ने समर्थन में हस्ताक्षर किये। न्यायालय ने इस्तागासें को स्वीकार कर अगली सुनवाई 26 मई 2017 को करना तय किया।
इस्तागासे में न्यायालय में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सिविल न्यायाधीश (व.ख.) अजमेर में दायर फौजदारी परिवाद में परिवादी पण्डित सुदामा शर्मा बनाम श्री वासुदेव देवनानी स्वं. श्री भावनदास, जाति सिन्धी, उम्र लगभग 71 वर्ष, निवासी म.नं. 28, संतकंवरराम कॉलोनी, फायॅसागर रोड़ अजमेर के विरूद्ध फौजदारी परिवाद अन्तर्गत धारा 499, 500, 501, 502 भा.द.स. के अन्तर्गत 13 बिन्दुओं के जरिये पेश किया गया। जो संलग्न है –
1. यह कि परिवादी सम्मानित नागरिक होने के साथ-साथ ब्राह्मण पण्डित है, और वह ज्योतिष विद्या के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की धार्मिक पूजा-पाठ, क्रिया-कर्म, पाठ, अनुष्ठान इत्यादि करता व कराता है, तथा वह राजस्थान ब्राह्मण महासभा अजमेर ईकाई का अध्यक्ष है तथा ब्राह्मण पण्डित समाज का प्रतिनिधित्व भी करता है, इसलिये उसका दायित्व भी है, कि पृथक-पृथक व सामूहिक मानहानि के क्रम में उचित कार्यवाही उसके द्वारा किये जाने का दायित्व भी है, इसलिये यह प्रकरण अप्रार्थी के कृत्यों से विवश होकर कारित हुई मानहानि के संबंध में प्रस्तुत किया जा रहा है।
2. यह कि परिवादी के ब्राह्मण पण्डित होने के कारण वह अपने यजमानों के यहां शहर व देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक पाठ-पूजा कराता व करवाता है और हजारों लोग परिवादी के ब्राह्मण पण्डित होने से उसमें विश्वास व आस्था रखते है।
3. यह कि दिनांक 08-40-2017 शनिवार को अप्रार्थी द्वारा जयपुर में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के आयोजित व्याख्यान माला में समस्त ब्राह्मणों पर कटाक्ष किया और कहा कि दुनिया का हर ब्राह्मण व्यक्ति बिना किसी योग्यता के ही अपने नाम के आगे पण्डित शब्द लगा लेता है, जबकि हर ब्राह्मण में पांडित्य नहीं होता, और उन्होने यह भी कहा कि किसी ने अपनी नाम के आगे पण्डित लगा लिया, तो इसके लिये कोई डिग्री की आवश्यकता होती है, उक्त वक्तव्य अप्रार्थी वासुदेव देवनानी द्वारा जयपुर के इन्द्रलोक सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, तो जो कि दिनांक 09.04.2017 रविवार को पंजाब केसरी राष्ट्रीय प्रतिष्ठित समाचार पत्र के पृष्ठ संख्या-4 में प्रकाशित हुआ।
4. यह कि दिनांक 08.04.2017 को अप्रार्थी वासुदेव देवनानी द्वारा पत्रकारों से वार्ता के दौरान जिस लहजे से ब्राह्मण पण्डितों के विरूद्ध टिप्पणी की, उसके विडियो का कुछ अंश सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ, जिसमें उक्त वक्तव्य देते वक्त उनके द्वारा हंसते हुए समस्त ब्राह्मण समुदाय की खिल्ली उड़ाई, जिससे समुचा ब्राह्मण समाज आहत हुआ है, उक्त विडियों वाट्सअप पर परिवादी ने अपने घर पर उपरोक्त वर्णित निवास के पते पर देखा और राष्ट्रीय प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाव केसी में दिनांक 09.04.2017 को पढ़ा, तो वह अप्रार्थी की इस टिप्पणी से ना केवल आहत हुआ बल्कि उसे गहरा आघात भी पहुंचा, कि जो वक्तव्य अप्रार्थी वासुदेव देवनानी द्वारा दिया गया है, वह राजस्थान सरकार का जिम्मेदार पद पर आसीन होकर शिक्षा राज्यमंत्री है और अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र से विधायक भी है तथा ऐसे पद पर आसीन व्यक्ति से ब्राह्मण पण्डित समुदाय पर कथित टिप्पणी हंसते हुए, खिल्ली उड़ते हुए सम्पूर्ण समाज को अपमानित करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, बावजूद इसके उनके द्वारा जो कृत्य किया गया है, वह ना केवल निन्दनीय है, बल्कि वे उक्त कृत्य के लिये दण्ड के भागी भी है।
5. यह कि अप्रार्थी द्वारा अपने नाम के आगे प्रोफसर लगाने को लेकर एक याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में ब्राह्मण पण्डित समुदाय के व्यक्ति द्वारा किये जाने पर जब उन्हें सम्बन्धित रिट याचिका के नोटिस मिले, तब उनके द्वारा सम्पूर्ण ब्राह्मण पण्डित समुदाय पर ही कटाक्ष करते हुए अपनी कुटिल व व्यंग्यात्मक हंसी व खिल्ली उड़ते हुए जिस लहजे में की, वह कदाचित उचित मुनासिब नहीं है, और उनके इस कृत्य से उनके राजस्थान सरकार में उच्चासिन जिम्मेदार पद पर आसीन होने से सरकार की भी प्रतिष्ठा व साख को काफी धक्का पहुंचा है। जिसके लिये अप्रार्थी स्वयं व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है।
6. यह कि अप्रार्थी द्वारा अपने नाम के आगे प्रोफेसर लगाने को लेकर लोकेश शर्मा नामक व्यक्ति ने होईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी और उनके द्वारा अप्रार्थी द्वारा बिना अधिकार के व बिना पात्रता के प्रोफेसर के प्रोफेसर लगाने को लेकर मुख्यमंत्री तक को शिकायत प्रस्तुत की थी और उनके द्वारा मात्र स्नातक योग्यता रखने पर उनकी शिकायत अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने भी की और राज्य सरकार के शिक्षा राज्यमंत्री अप्रार्थी वासुदेव देवनानी को राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जे.पी. सिंगल के केस से सबक लेने व अपने नाम के आगे प्रोफेसर लगाना बंद करने बाबत मुख्यमंत्री से शिकायत भी की और उनके पास किसी विश्वविद्यालय की ओर से मानद उपाधि भी नहीं होने से भी अपने नाम के आगे प्रोफेसर नहीं लगा सकने बाबत वक्तव्य भी दिया।
7. यह कि प्रार्थी द्वारा दिये गये उपरोक्त समस्त वक्तव्य व उल्लेखित तथ्य प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाब केसरी में दिनांक 09.04.2017 रविवार पृष्ठ संख्या-4 पर प्रकाशित ‘‘बिना डिग्री ब्राह्मण नाम के आगे पण्डित क्यों लगाते हैं’’ के शीर्षक से प्रकाशित खबर से हुई तथा उपरोक्त समाचार प्रकाशित होने पर जो प्रार्थी द्वारा जो लान्छन संपूर्ण ब्राह्मण पण्डित समाज पर लगाते हुए दुर्भावना पूर्वक संपूर्ण ब्राह्मण पंडित समुदाय की ख्याति को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से कहे गये और प्रकाशित हुए, जिससे प्रार्थी जो ब्राह्मण पंडित समुदाय का एक प्रतिष्ठित व्यक्ति है, उसकी भी मानहानि हुई और वह आहत हुआ।
8. यह कि अप्रार्थी द्वारा प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाब केसरी में दिनांक 09.04.2017 रविवार पृष्ठ संख्या-4 पर प्रकाशित ‘‘बिना डिग्री ब्राह्मण नाम के आगे पंडित क्यों लगाते हैं’’ के शीर्षक से प्रकाशित खबर में जो पत्रकारों से वार्ता करते हुए जो उल्लेख है उसमें वास्तविक उपरोक्त वर्णित शब्दों का उपयोग कर ना केवल परिवादी की ख्याती को आघात पहुंचाने का कृत्य अप्रार्थी द्वारा किया गया है, बल्कि संपूर्ण ब्राह्मण पंडित समुदाय की ख्याति को भी धूमिल ये जानते हुए आशय किया है कि ऐसा वक्तव्य व कथन परिवादी ही नहीं बल्कि संपूर्ण ब्राह्मण पंडित समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति के लिए मानहानिकारक है और सोशल मीडिया पर उनके कहे गये कथन के वीडियो के अंश भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिनमें उनके द्वारा हंसते हुए पंडित ब्राह्मण पंडितों का उपवास किया, जिसे देखकर ना केवल परिवादी अपितु ब्राह्मण पंडित समुदाय भी अपमानित हुआ जिसकी मानहानि के लिए अप्रार्थी जिम्मेदार है, उपरोक्त समाचार पत्र में समाचार प्रकाशित हुआ मुद्रित हुआ, उसका प्रचार प्रसार हुआ, तथा अप्रार्थी द्वारा कहे गए वीडियो के अंश सोशल मीडिया पर वायरल हुए अप्रार्थी द्वारा यह जानते हुए कि उसमें ऐसा विषय अंर्तविष्ट है और अप्रार्थी द्वारा ऐसे प्रकाशन के पश्चात प्रस्थापना करवाई गई और किसी प्रकार का खंडन व क्षमायाचना ब्राह्मण पंडित समुदाय से तथा परिवादी से आज दिनांक तक नहीं की गई, जिसके लिए अप्रार्थी दंड का भागी है।
9. यह की परिवादी जैसा उपरोक्त उल्लेख किया गया है, शहर का सम्मानित नागरिक है अपने परिवार के साथ वह उपरोक्त पते पर निवास कर रहा है तथा विभिन्न महत्वपूर्ण व सम्मानित पदों पर आसीन है, जिसमें शहर, राज्य व देश के गणमान्य लोग उसके सम्मिलित हैं, परिवादी व ब्राह्मण पंडित समुदाय की ख्याति, इज्जत, साख, प्रतिष्ठा को धूमिल करने की मंशा से दुर्भावनापूर्ण अप्रार्थी द्वारा उसकी मानहानि उसकी यश व कीर्ति को धक्का पहुंचाने की मंशा से की गई है, जिससे उपरोक्त वर्णित मिथ्या, दिग्भ्रमित करने वाले अपमानकारक व मानहानि कारक समाचार, समाचारपत्रों में मुद्रित होकर, प्रकाशित हुआ, वितरित हुआ और प्रार्थी की ख्याति को क्षति हुई और बेवजह प्रताड़ना झेलनी पड़ी और मानसिक रुप से उसे आघात पहुंचा।
10. यह की प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाब केसरी में दिनांक 09.04.2017 रविवार पृष्ठ संख्या-4 पर प्रकाशित उपरोक्त समाचार जब शहर के प्रतिष्ठित सामाजिक, राजनैतिक व आम नागरिकों ने पढ़ा तथा सोशल मीडिया पर उक्त वीडियो देखा, सुना, प्रचारित व प्रसारित हुआ, तदोपरांत उन्होंने आकर परिवादी के ब्राह्मण पंडित समुदाय से जुड़े होने के कारण परिवादी के घर उपयोग उल्लेखित पते पर आकर परिवादी से संपर्क कर छपी खबर व सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के कारण परिवादी का भी उपवास किया और परिवादी को बताया कि उपरोक्त समाचार से शहर की आम जनता राजनैतिक, सामाजिक, व्यापारी वर्ग, यजमान इत्यादि सम्मानित लोगों ने आप परिवादी की व ब्राह्मण पंडित समुदाय की ख्याति व साख धूमिल हुई है और लोग आपके बारे में व पंडित समुदाय के बारे में तरह-तरह की चर्चाये कर रहे हैं, तथा परिवादी को कहा कि अप्रार्थी के उक्त कृत्य से समाचार पत्र में प्रकाशित होने से ना केवल आपकी वरन् आपके साथ संपूर्ण ब्राह्मण पंडित समुदाय की मानहानि भी हुई है, परिवादी राजस्थान ब्राह्मण महासभा की अजमेर ईकाई का अध्यक्ष है, जो एक रजिस्टर्ड संस्था है जिसका जिम्मेदार पदाधिकारी है, और ब्राह्मण पंडित समुदाय का प्रतिनिधित्व भी करता है, ऐसे में उसे ये कहा गया कि आपकी व संपूर्ण ब्राह्मण पंडित समुदाय के प्रति कहे गये कथन का वीडियो व समाचार पत्र में प्रकाशन जो अप्रार्थी के कथनों के संबंध में है, से परिवादी सहित संपूर्ण ब्राह्मण पंडित समुदाय के प्रति गलत धारणा बन गई है इस कारण प्रार्थी की प्रतिष्ठा मानहानि होकर धूमिल हुई है जिसके लिए अप्रार्थी जिम्मेदार है, जिनके द्वारा यह जानते हुए उक्त कृत्य करते हुए प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाब केसरी व वीडियो के अंश में मिथ्या व भ्रान्ति फैलाने वाली व प्रार्थी व ब्राह्मण पंडित समुदाय की ख्याति, यश, कीर्ति को क्षति पहुंचाकर उसकी मानहानि करने वाली खबर/समाचार प्रकाशित, मुद्रित कर उसे विक्रय करवाकर उसका प्रचार-प्रसार करवाया।
11. यह कि अप्रार्थी के उक्त कृत्य के कारण संपूर्ण ब्राह्मण पंडित समाज में आक्रोश व्याप्त है, तथा अप्रार्थी की ओछी टिपण्णी से आहत ब्राह्मण पंडित समाज ने आंदोलन कर रखा है, उनके द्वारा उनके पुतले फूंके गये तथा अपने खून से ब्राह्मण पंडित समाज के लोगों ने अप्रार्थी को अपने पद से हटाने के लिए पत्र लिखें तथा आत्मदाह तक के लिए कुछ लोगों ने चेतावनी तक दी, तथा विभिन्न प्रकार से यज्ञ-हवन कर भी अप्रार्थी की सद्बुद्धि के लिये प्रार्थना की, संत महात्माओं के यहां भी वार्ता की। अप्रार्थी अपने मानहानिकारक कथनों के लिए दंड का भागी है।
12. यह कि उपरोक्त अपराध माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार में पुलिस थाना क्लॉक टावर क्षेत्र जहां परिवादी निवास करता है उत्पन्न हुआ जहां परिवादी द्वारा उपरोक्त प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाब केसरी व वायरल विडियो के अंश परिवादी व उसके परिवारजनों द्वारा देखा व सुना गया, तथा उस प्रकाशन की दिनांक 09.04.2017 से आज दिनांक तक परिवादी के घर जो माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार में अवस्थित है, पर उसके मित्रों, परिचितों, रिश्तेदारों, सगे-संबंधियों, शहर के प्रबुद्ध नागरिको बुद्धिजीवियों, व्यापारियों व उसके साथ जुड़े हुए सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ताओं व अन्य समग्र संगठनों व लोगों द्वारा उसके निवास स्थान पर आकर उसके व्यक्तिगत रुप से मिलकर एवं दूरभाष पर भी उसकी व ब्राह्मण पंडित समाज की मानहानि के संबंध में उसे बताया गया परिवादी में ब्राह्मण पंडित समाज का उपहास किया गया और लोगों के मन में बैठी गलत धारणा/भ्रांति के बारे में उससे मिलकर उसे संपूर्ण तथ्यों से उपरोक्तानुसार अवगत करवाया जिससे उसकी व ब्राह्मण पंडित समाज ख्याती, साख, प्रतिष्ठा की मानहानि कारित हुई है, जो अप्रार्थी की दुर्भावना का परिचायक है, ऐसे में माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार में अपराध कारित होने के कारण परिवाद का क्षेत्राधिकार माननीय न्यायालय में उद्बुद्ध होने से नियमानुसार क्षेत्राधिकार में प्रस्तुत किया जा रहा है।
13. यह की न्यायशुल्क नियमानुसार प्रस्तुत है, तथा अपराध की परिणीति दिनांक 08.04.2017 को अप्रार्थी द्वारा उपरोक्त कथन कहे, तथा दिनांक 09.04.2017 को प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाब केसरी व वायरल वीडियो के अंश प्रसारित हुए और उसके बाद से प्रतिदिन लगातार परिवादी से वार्ता कर, संपर्क कर आमजनों के बीच उसकी ख्याति की अपहानि की घटना निरन्तर उत्पन्न होते रहने से अंदर मियादी परिवादी प्रस्तुत किया जा रहा है।
14. अतः माननीय न्यायालय से विनम्र अनुरोध है कि परिवादी का परिवार उपरोक्त वर्णित फौजदारी परिवाद अंतर्गत धारा 499, 500, 501, 502 भा.द.स. के तहत स्वीकार किया जाकर कार्यवाही की जाकर अप्रार्थी के विरुद्ध प्रसंज्ञान लिया जाकर उन्हें नियमानुसार परिवादी व ब्राह्मण पंडित समाज की उपरोक्तानुसार हुई मानहानि के क्रम में कठोर दंड से दंडित किए जाने के आदेश प्रदान करावें।
इस अवसर पर समाज के वकील व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

(सुदामा शर्मा)
अध्यक्ष
राजस्थान ब्राह्मण महासभा
जिला अजमेर
मो.9828279376

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