आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय
प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली
विषयः केन्द्र की भाजपा सरकार में कांग्रेसी मानसिकता और भ्रष्ट अफसरशाही हावी
मान्यवर,
दरगाह कमेटी दरगाह ख्वाजा साहब अजमेर के गठन 1950 से अब तक प्रथम बार कोई अनुशासित ईमानदार नाज़िम हमारी केन्द्र की सरकार ने लेफि. कर्नल मसंूर अली खान को नियुक्त किया था जिन्होने अपने 4-5 माह के कार्यकाल में ही अपनी ईमानदारी और निष्ठा से ना केवल स्थानीय नागरिकों का बल्कि ख्वाजा साहब से अकीदत रखने वाले जायरीनों का भी दिल जीत लिया था। उन्होंने अपनी कठारे कार्यशैली के चलते हुऐ दरगाह कमेटी के भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ अंकुश लगाया बल्कि उन्हें अनियमित्ता पाये जाने पर निलंबित तक किया लेकिन भागवान कुबैर का आर्शीवाद लेकर भ्रष्ट अधिकारी और दरगाह कमेटी के कांग्रेसी सरकार के नियुक्त पदाधिकारीयों ने मिलकर ना जाने कौनसा चक्रव्यू चलाया जिसमें एक ईमानदार अधिकारी की बली इस्तीफे के रूप में सामने आई। मान्यवर हम सब का भरसक प्रयास था और आपसे विनती भी थी कि ऐसे अधिकारी को अपना कार्यकाल पूर्ण करने दिया जाये जिससे जनता में भाजपा की सकारात्मक छवि सामने आ सके और कांग्रेस का असली चेहरा और भाजपा की सोच में अन्तर का पता चल सके। परिस्थितिवश ऐसा संभव नहीं हो सका। जो भी कारण रहे हो मान्यवर आपसे निवेदन है कि पद पर रहते हुऐ उक्त नाज़िम ने जो जांच और दस्तावेज कम्प्यूटर सीज किये थे उसे कमेटी के भ्रष्ट पदाधिकारी नष्ट करना चाहते हैं और निलंबित भ्रष्ट अधिकारियों को पुन निलंबन वापस कर उसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर लाना चाहते हैं उसे रोका जाये और भ्रष्टाचार में लिप्त कांग्रेस मनमोहन सरकार नियुक्त दरगाह कमेटी को बर्खास्त किया जाए और लेफि. कर्नल मंसूर अली खान जैसा ईमानदार व्यक्ति नाज़िम के पद पर नियुक्त किया जाये।
घन्यवाद
सैयद इब्राहीम फखर