बीकानेर 19 मई। विष्वविद्यालय परीक्षा प्रणाली के सुधार को लेकर आज विष्वविद्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता विष्वविद्याल कुलपति प्रोफेर भगीरथ सिंह ने की। बैठक में विष्वविद्यालय में संचालित विभिन्न संकायांे के अधीष्ठाता, अध्ययन मण्डलों के संयोजक एवं विष्वविद्यालय के अधिकारियों ने व्यापक विचार-विमर्ष कर परीक्षा प्रणाली में सुधार के संदर्भ में आम सहमति बनाई। बैठक के प्रारम्भ विष्वविद्यालय कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने वर्तमान में संचालित परीक्षा प्रणाली की खामियों को इंगित करते हुए विस्तार से किये जाने वाले प्रयासांे के बारे में सभी को अवगत करवाया। उन्होनें कहा कि कुलाधिपति एवं राज्य सरकार वर्तमान में विष्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली को लेकर काफी गंभीर है। इसी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आगामी सत्र में विष्वविद्यालयों में शैक्षणिक माहौल बन सके एवं गुणवत्तापूर्वक परीक्षा प्रणाली का संचालन हो सके, इसको लेकर विष्वविद्यालय काफी गंभीर है एवं व्यापक विचार-विमर्ष उपरान्त परीक्षा प्रणाली में संषोधन करने जा रहा है। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि वर्तमान परीक्षा प्रणाली से विद्यार्थियों की क्षमता का पूर्ण आंकलन नहीं हो पाता है साथ ही विद्यार्थी का वर्तमान परीक्षा प्रणाली से उसकी क्षमता अनुसार मूल्यंाकन नहीं हो पाता है। व्यापक विचार-विमर्ष उपरान्त विष्वविद्यालय स्तर पर यह आम सहमति बनी कि आगामी सत्र् में परीक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए पहली बार स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर संचालित ैबीमउम व िम्गंउपदंजपवद संषोधन किया जाये। महाराजा गंगा सिंह विष्वविद्यालय में सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, संास्कृतिक क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए केस स्टडी के माध्यम से विद्यार्थियों से हस्तलिखित विषय पर समस्त क्षेत्रों को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार करवाये जायेंगें साथ ही प्रष्नों की संख्या में परिवर्तन करते हुए इस बात पर सहमति बनी की विद्यार्थियों से लघुउत्तरात्मक प्रष्नों के साथ-साथ मध्यम एवं निबन्धात्मक प्रष्नों का समावेष करते हुए सम्पूर्ण विषय का अध्ययन हो सके ऐसे प्रष्नों का निर्माण करवाया जायेगा। इस हेतु आगामी दिनों में आयोजित होने वाली अध्ययन मण्डलों की बैठक में इस संदर्भ में निर्णय पारित कर प्रस्तावों को विद्या परिषद् में रखा जायेगा। ज्ञात रहे कि वर्तमान में विष्वविद्यालय में परीक्षा प्रणाली के अन्तर्गत मुख्य रूप से विद्यार्थियों को 10 प्रष्नों के माध्यम से कोई पांच प्रष्नों को हल करना आवष्यक होता है। आने वाले समय में उक्त प्रणाली में संषोधन कर बीस शब्दों, पचास शब्दों में, सौ शब्दों मंे, 200 शब्दों एवं 500 शब्दांे में प्रष्नों का निर्माण करवाकर परीक्षा प्रणाली विकसित की जायेगी।
बैठक में सभी लोगों ने मुख्य रूप से 50 शब्द, 100 शब्द एवं 500 शब्दों पर मुख्य रूप से अपनी सहमति प्रदान की। जिसका क्रियान्वयन आने वाले दिनों में किया जायेगा। इसके अतिरिक्त विष्वविद्यालय स्तर पर कार्यषालाओं का आयोजन कर प्रष्नपत्रों का निर्माण कैसे हो सके, एवं विद्यार्थियों से किस प्रकार के प्रष्न पूछे जायें, इस संदर्भ में कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया। विष्वविद्यालय आगामी सत्र में पाठ्यक्रम तैयार करते समय न केवल वर्तमान समय की आवष्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रमों का निर्माण करवायेगा अपितु परम्परागत परीक्षा प्रणाली से अलग हटकर विद्यार्थियों को विषय का पूर्ण ज्ञान हो सके एवं सम्पूर्ण मूल्यांकन हो सके ऐसी परीक्षा प्रणाली विकसित करेगा।
कुलपति ने पिछले दिनों विष्वविद्यालय स्तर पर आयोजित कैम्पस डायलॉग कार्यक्रम में विभिन्न वर्गों से प्राप्त सुझावों के संदर्भ में विष्वविद्यालय स्तर पर किये जा रहे क्रियान्वयन संबंधी गतिविधियों पर भी चर्चा की। साथ ही बताया कि विष्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल तैयार हो सके एवं देष-विदेष के ख्यातिनाम षिक्षाविदों विष्वविद्यालय स्तर पर आमन्त्रित कर उनके ज्ञान का लाभ क्षेत्र को मिल सके, इस सुझाव को ध्यान में रखकर आगामी दिनांे में अपनी स्थापना के पश्चात् विष्वविद्यालय प्रथम बार अपना स्थापना दिवस 7 जून को आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम में विष्वविद्यालय अनुदान आयेाग के निवर्तमान अध्यक्ष प्रोफेसर वेद प्रकाष विष्वविद्यालय में आख्यान् देंगें।
बैठक में विष्वविद्यालय में संचालित कला संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर एस के अग्रवाल, विधि संकाय की अधिष्ठाता डॉ. विभा शर्मा, सामाजिक विज्ञान की अधिष्ठाता श्रीमती डॉ. बेला भनोत, वाणिज्य संकाय की अधिष्ठाता डॉ. एम डी गौरा, विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. अनिल कुमार छंगाणी, कुल सचिव प्रेमाराम परमार, वित्त नियन्त्रक भंवर सिंह चारण, परीक्षा नियन्त्रक डॉ. जे एस खीचड़, उप कुल सचिव (षैक्षणिक) डॉ. विट्ठल बिस्सा सहित विभिन्न विषयों के अध्ययन मण्डलों संयोजक उपस्थित थे।
(डॉ. विट्ठल बिस्सा)
उप कुल सचिव (षैक्षणिक)
महाराजा गंगासिंह विष्वविद्यालय
बीकानेर