पाकिस्तान की एक कबायली पंचायत (जिरगा) ने दो कबीलों के बीच विवाद निपटाने के लिए 13 लड़कियों की अदला-बदली का फैसला सुनाया है। इस फैसले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए दोषी लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। जिरगे के इस फैसले में बलूचिस्तान के एक विधायक मीर तारिक मसूरी के भी शामिल होने की खबर है। हालांकि मसूरी ने इस आरोप से इंकार किया है।
बलूचिस्तान प्रांत के डेरा बुगती जिले में पिछले महीने कबायली जिरगा ने चार से 16 वर्ष की 13 लड़कियों की अदला-बदली का फैसला सुनाया है। कबीलों में प्रचलित ‘वनी’ प्रथा के तहत विवाद निपटारे के लिए यह फैसला सुनाया गया है। जिस कबीले की लड़कियों को शादी के लिए दूसरे कबीले को देने का निर्णय किया गया है, उसके एक सदस्य की हत्या हो गई थी। इसको लेकर दोनों कबीलों में विवाद चल रहा था। इसे निपटाने के लिए हत्या करने वाले कबीले पर 30 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले का खुद संज्ञान लिया है। बुधवार को मसूरी व जिरगा के अन्य सदस्यों को अदालत के सामने हाजिर होना है। हालांकि मसूरी का कहना है कि वह पिछले तीन हफ्ते से डेरा बुगती में नहीं थे। उन्होंने तो जिरगा की किसी बैठक से ही इन्कार किया है।