भक्ति का बीजारोपण अपने हृदय में करो

_SNY8062अजमेर 28 जून, देहली गेट स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम में चल रहे सत्गुरू स्वामी टेऊँराम जी महाराज जी के पांच दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम के 4थे दिन का आरम्भ सुबह ओम् नमः शिवाय के संकीर्तन के साथ हुआ। जिसमें देश-विदेश के कई श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यह जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओम प्रकाश जी ने बताया कि प्रातः 8.30 बजे से संतों महात्माओं के सत्संग प्रारम्भ हुए जिसमें संत गीता ज्योति, अहमदाबाद से आई बहन पुष्पा, ग्वालियर के संत हरिओम लाल के प्रवचन हुए। प्रेम प्रकाश मण्डलाध्यक्ष स्वामी भगतप्रकाश जी महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि प्रत्येक जीव मात्र जीवन पर्यंत भोग विलासिता, ऐश्वर्य, आराम में मग्न रहता है। हम नित्य प्रतिदिन मृत्यु की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन अज्ञानता वश इस ओर हम ध्यान नहीं देते। अतः संत महात्मा हमको समय-2 पर समझ्ााते रहते हैं कि अपने अमूल्य श्वासों को ईश्वर भक्ति की ओर प्रवत्त करो, न जाने कब हमारा समय पूरा हो जाये। हमें शुरू में नाम स्मरण करने में कठिनाई आ सकती है, लेकिन निरंतर प्रयास के द्वारा हम हमारे अंदर ईश्वर भक्ति का बीजारोपण कर सकते है। जिससे भक्ति रूपी वृक्ष हमारे हृदय में विकसित होगा।
हमें अपने कत्तव्यों को निभाते चले जाना है। हमारे किये शुभ कर्म परमात्मा देख रहा है। हमें यह नहीं समझ्ाना चाहिये कि हमने इतने शुभ कर्म किये हैं तो कोई देख नहीं रहा अथवा उसका शुभ फल नहीं मिला ऐसा सोचना ही हमें हमारे पथ से भटकाता है। हमें अपने पथ पर आगे बढ़ते जाना चाहिये। उसके फल की इच्छा उस परम् पिता परमेश्वर पर छोड़ देनी चाहिये जो सही समय पर हमें कर्मानुसार फल देंगे।
श्री गुरू महाराज आगे बताते हैं कि हमारा जीवन खाने, पीने, सोने व सांसारिक कार्यों को करने में ही व्यतीत होता जा रहा है। हमारे सामने कई संगी साथी यह दुनिया छोड़कर जा चुके हैं फिर भी हमारा ध्यान संसारिक कार्यों में लगा रहता है, अपना आत्मोद्धार करने के लिये हम सावधान ही नहीं हो रहे। अभी भी समय है मोह मायाजाल से निकलो। यह जो रिश्तेदार, मित्रगण आदि जिनको हम अपना समझ्ा रहे हैं वास्तव में हमारे अपने नहीं है। उनके साथ हमारा सम्बन्ध केवल तब तक रहेगा जब तक हमारा शरीर है। उसके बाद का सफर हमें परमात्मा के नाम के साथ ही करना है जो कि सदैव हमारे संग रहते हैं, परंतु संसारिक मोह मायाजाल की परत हमारे हृदय में चढ़ी हुई है, इस कारण हमें परमात्मा दिखाई नहीं देते व महसूस नहीं होते। उस परत को हम संतों द्वारा दिखाये ज्ञान रूपी मार्ग पर चलकर ही हटा सकते हैं। इससे हमारी अध्यात्मिक उन्नति शीघ्र होगी एवं हमारा मानव जीवन सार्थक सिद्ध होगा। ।
सायंकालीन सत्संग सभा में स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री ने अपने प्रवचन में कर्मों के प्रतिफल के बारे में बताते हुए कहा कि हमें अपने किए कर्माें का फल अवश्य मिलता है । अच्छे कर्म का फल अच्छा एवं बुरे कर्म का फल बुरा मिलेगा । इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में मिलेगा। कई लोग ऐसा कहते है कि उनकों दान, पुण्य, व्रत, नियम का पालन करते एवं भक्ति करते काफी समय हो गया परन्तु जीवन में से कठिनाईयाँ नहीं जा रही है। इसका कारण यहीं है कि उसके मार्ग में कठिनाईयों रूपी कचरा बहुत है। जिससे कि उसको इस भक्ति रूपी मार्ग पर अपने गन्तव्य स्थान पर पहुचँनें में वक्त लगेगा। जिस प्रकार ट्रेफिक वाले रास्ते पर चलने से हमे रास्ता पार करने में समय लगता है लेकिन चलते रहने से अंततः हम रास्ता पार कर ही लेते है। वैसे ही हमें अपने भक्ति मार्ग पर शुभ कर्म करते हुए चलते जाना है। उसका शुभ फल हमें अवश्य मिलेगा ।
प्रेम प्रकाश आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी भगत प्रकाश जी ने अपनी अमृतमय वाणी में बताया कि संसार में 3 तरह के दुःख होते हैं। शारीरिक दुःख, मानसिक दुःख जिसे हम मानसिक अशांति, चिंताएं आदि से भी जानते हैं एवं तीसरा दुःख आत्मिक उपादि अर्थात् अपने आत्मिक स्वरूप की विस्मृति। इन सभी प्रकार के दुःखों को दूर करने के लिये संतों महापुरूषों का अवतार होता है। हमें अपने मन को सद्गुरू के चरणों में समर्पित कर अपने सारे संकल्प विकल्प त्याग देने चाहिये। सद्गुरू स्वामी टेऊँराम जी महाराज जिनका जन्मोत्सव मनाया जा रहा है वे ऐसे महापुरूष थे जिन्होंने अपनी शरण में आये जीव मात्र को सत्य का मार्ग दिखाया, ईश्वर से मिलने की राह दिखाई, जीवन जीने की कला सिखाई। हमें उनके पावन वचनों का पालन करके नाम स्मरण करते हुए अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयत्न करना चाहिये।
जन्मोत्सव के अन्तिम दिन के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओम प्रकाश जी ने बताया कि प्रातः 6 बजे श्री गुरू महाराज की मूर्तियों की पूजा व छप्पन भोग। प्रातः 7 बजे 131 दीपों द्वारा महा आरती, 7:30 से 9 बजे तक हवन तत्पश्चात् ध्वजावन्दन, 10 से 12 बजे तक सत्संग व श्री प्रेम प्रकाश ग्रन्थ का भोग एवं आम भण्डारा होगा। सायंकाल 4:30 से 9 बजे तक संत महात्माओं का सत्संग एवं प्रेम प्रकाश मंडल के अध्यक्ष स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज पल्लव पाकर उत्सव की समाप्ति करेंगे।
संत ओम प्रकाश शास्त्री
मो. 9784065000

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