भाजपा नेताओं के ये कुतर्क सुन कर पहली बार इस बात की जानकारी हुई की बीमारियां वायरस या किसी और वजह से नहीं बलिक किस राज्य में किसकी सत्ता है यह देख कर आती है यानी अब इन नेताओं ने बीमारी तक का राजनीतिकरण कर दिया है । जब की राजनीति का गिरता स्तर और नेताओं की निम्नस्तरीय सोच तो खुद देश के लिए अब एक बड़ी बीमारी बन गई है
स्वास्थ्य एक ऐसा संवेदनशील मुद्दा है जिसे लेकर शासन प्रशासन को गंभीर होना चाहिए क्योंकि इससे करोड़ों लोगों की जिंदगी जुड़ी होती है । लेकिन लगता है भाजपा के नेताओं मे सत्ता का दिमागी बुखार चढ़ गया है और वह हर मुद्दे की तुलना कांग्रेस से करने लगे हैं । कांग्रेसियों के दिमागी बुखार का तो देश की जनता ने जो इलाज किया है वह सब देख रहे हैं । तो क्या अब भाजपा भी अपना वैसा ही इलाज चाहती है ।अगर नहीं तो उसके नेताओं को ऐसे शर्मनाक और अहंकारी बयानों से बचना चाहिए ।अन्यथा जनता उसे भी सबक सिखाने में पीछे नहीं रहने वाली और राजस्थान में तो लोगों को अभी इसके मौके तीन स्थानों पर होने वाले उपचुनाव में भी मिलेंगे ।
ओम माथुर। अजमेर