डाकिये डाक के साथ ला रहे भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की अपील

IMG-20171030-WA0000बीकानेर 30/10/17 ( मोहन थानवी )। पूरे देश में डाक विभाग द्वारा मनाए जा रहे सप्ताह के तहत बीकानेर में भी घरों व प्रतिष्ठानों पर पहुंचकर डाककर्मी भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की अपील कर रहे हैं। सप्ताह 30 अक्टूबर को शुरू हुआ और पहले दिन अधीक्षक जीएन कनवाड़िया और स्टाफ ने साइकिलों पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण का संदेश अंकित तख्तियों के साथ डाकियों को शहर में डाक वितरण के लिए रवाना किया। इससे पहले डाककर्मियों ने पोस्ट शॉर्टिंग के बाद वितरित की जाने वाली तमाम चिट्ठियों व डाक सामग्री पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत अंकित मोहर लगाई। अधीक्षक कनवाड़िया ने बताया कि सप्ताह के दौरान स्कूली बच्चों की प्रतियोगिता तथा सेमिनार आदि गतिविधियां की जाएंगी। साथ ही लोग डाक विभाग में इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण का संकल्प लेंगे। डाककर्मी यूनियन के पदाधिकारी बाबूलाल छंगाणी ने बताया कि हम डाककर्मचारी भी सभी देशवासियों के साथ कदम मिलाते हुए राष्ट्रहित में अपना योगदान देने का दायित्व निभाते हुए 23/10/17 से ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत अंकित मोहर लगाकर डाक वितरित कर रहे है। जबकि सप्ताह की शुरुआत में तख्तियां टंगी साइकिलों पर घरों-दुकानों-कार्यालयों में जाकर भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण में सहयोग की अपील की है।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत की मोहर लगी और बढ़ गई चिट्ठी की महत्ता

भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण में अनूठी शैली अपनाते हुए डाककर्मी भी जुटे हुए हैं। डाकघर से किसी के पते पर चिट्ठी पहुंचाने का काम तो वरीयता से होता ही है; अब बीकानेर में मुख्य डाकघर से चिट्ठी के साथ लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की प्रेरणा देने वाला संदेश भी दिया जा रहा है। इसके लिए डाककर्मी हर चिट्ठी पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत अंकित मोहर लगा कर ही डाक सामग्री का वितरण कर रहे हैं। इस मोहर के लगते ही चिट्ठी की अहमियत बढ़ जाती है क्योंकि अब उस पर राष्ट्र विकास और सुचिता के लिए जज्बा जगाने वाले सुनहरे अक्षर चमक रहे हैं। यूं तो डाकघर; डाकिया और चिट्ठी का अपना अलग ही रुतबा रहा है। एक समय था जब माता-पिता; भाई-बहिन; पति-पत्नी; प्रेमी-प्रेमिका सहित समाज के हर वर्ग के लोगों को किसी अपने की चिट्ठी का इंतजार रहता था। और वह इंतजार पूरा होने पर डाकघर से डाकिया द्वारा लाई चिट्ठी के गीत गाए जाते थे। फिर वह दौर आया जब निजी क्षेत्र की कुरियर सर्विस व फिर इलेक्ट्रोनिक संदेश प्रणाली ने लोगों को आकर्षित किया। मगर डाकघर का महत्व बरकरार रखने के लिए डाककर्मियों ने हौसला बुलंद रखा और नवीन तकनीक अपनाई। इसी कड़ी में भ्रष्टाचार मुक्त भारत सप्ताह के तहत डाककर्मी अब डाक सामग्री वितरण से पूर्व चिट्ठियों पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत की मोहर लगा कर लोगों तक उनके संदेशों के साथ राष्ट्रहित का संदेश भी पहुंचा रहे हैं। – मोहन थानवी

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