चार वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में हुए ऎतिहासिक कार्य-प्रो. देवनानी

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के मुख्य प्रशासनिक भवन का लोकार्पण

education programmeबीकानेर, 13 दिसम्बर। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा तथा भाषा विभाग राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बुधवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के मुख्य प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। इस भवन के निर्माण पर 6 करोड़ रूपए की लागत आई है।

केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास, गंगा पुनरोद्धार तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के नेतृत्व में गत चार वर्षों में प्रदेश में ऎतिहासिक कार्य हुए हैं। निदेशालय में कर्मचारियों की संख्या व कार्य क्षेत्र बढ़ने से हो रही स्थान की कमी हो रही थी। नए भवन के निर्माण से यह कमी दूर होगी। उन्होेंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से राज्य, शिक्षा के क्षेत्र में देश में 18वें से चौथे स्थान पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1 लाख से अधिक कार्मिकों की पदौन्नति की गई है। इससे कर्मचारियों के चेहरों पर खुशी आई है।

प्रो. देवनानी ने कहा कि प्रदेश का शिक्षा विभाग टीम वर्क, टैक्नोलॉजी तथा ट्रांसपेरेंसी के साथ कार्य कर रहा है। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों से प्रेरणा लेने के लिए अन्य राज्यों ने हमारे यहां टीमें भेजी हैं। राज्य की 4 हजार 500 ग्राम पंचायतों में विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किया गया है तथा नई पंचायतों में 10वीं तक के स्कूल बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा स्टाफ पैटर्न शुरू किया गया। नई भर्तियां की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि कोई भी पद रिक्त नहीं रहे। उन्होंने कहा कि 5वीं व 8वीं कक्षा में बोर्ड लागू करने से शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ौत्तरी हुई है। सरकार का प्रयास है कि अभिभावक व अध्यापकों की जिम्मेदारी तय हो, जिससे विद्यार्थियों को अच्छा शैक्षणिक वातावरण मिल सके। उन्होंने उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा का कार्यालय स्थापित किए जाने संबंध में सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के कर्मचारी अपने दायित्वों को समझते हुए पूर्ण संवेदनशीलता से कार्य करें। उन्होंने स्कूलों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने, भामाशाहों द्वारा 100 करोड़ रुपये का सहयोग देने, स्कूलों में सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने, स्मार्ट क्लास, आदर्श स्कूल सहित विभिन्न नवाचारों के बारे में बताया तथा कहा कि जनप्रतिनिधि भी शिक्षा के उन्नयन के लिए अपना सकारात्मक सहयोग दें। उन्होंने अक्षय पेटिका, मुख्यमंत्री विद्यादान कोष, स्वामी विवेकानांद स्कूल के बारे में भी जानकारी दी।

केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि राज्य में गत चार वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा व भारतीय चिंतन को बढ़ावा देने की बात कही। बीकानेर में प्रारम्भिक शिक्षा उपनिदेशक का कार्यालय खुलवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिले की 150 स्कूलों में डिजिटल क्लासेज विकसित करने के लिए सांसद कोष से 1 करोड़ रूपए व्यय करने की घोषणा की गई है। विभागीय अधिकारियों द्वारा बेहतर पर्यवेक्षण के साथ यह कार्य करवाए जाएं। उन्होंने नए प्रशासनिक भवन में कॉन्फ्रेंस हॉल के लिए सांसद कोष से 20 लाख रुपए दने के घोषणा की।

संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र हुए नवाचार प्रशंसनीय है। वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में हमारा राज्य, देश में चौथे स्थान पर है। राज्य में 20 लाख से अधिक नामांकन बढ़ा है तथा परीक्षा परिणाम में भी 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सरकार द्वारा बड़ी संख्या में नई नियुक्तियां करने जा रही है। आज हर ग्राम पंचायत में स्कूलें स्थापित हो चुकी हैं, यह राज्य के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कांफ्रेंस हॉल के लिए विधायक कोष से 20 लाख रूपए देने की घोषणा की।

बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र विधायक डॉ. गोपालकृष्ण जोशी ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार देश व प्रदेश के महापुरूषों के जीवन प्रसंगों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों में राज्य सरकार द्वारा बीकानेर को अनेक सौगातें दी गई हैं। इनमें रविन्द्र रंगमंच, जैतून रिफाइनरी, तकनी विश्वविद्यालय आदि प्रमुख हैं। उन्होंने कांफ्रेंस हॉल के लिए विधायक कोष से 30 लाख रुपए देने की घोषणा की।

बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राज्य में शिक्षा क्षेत्र ने नई बुलंदियों को छुआ है। अनेक नवाचारों से प्रदेश को नई पहचान मिली है। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय खुलवाने तथा कांफ्रेंस हॉल के लिए 20 लाख रुपए विधायक कोष से देने की घोषणा की।

प्रारम्भिक शिक्षा के निदेशक पी. सी. किशन ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में प्रारम्भिक शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में भी शिक्षा के साथ संस्कार निर्माण एवं क्रिएटिविटी के क्षेत्र में विशेष कार्य हुए हैं। कार्यक्रम में डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य तथा सहीराम दुसाद भी बतौर अतिथि मौजूद रहे। इस अवसर पर दो छात्राओं को पंद्रह हजार रुपये छात्रवृत्ति के चैक प्रदान किए गए। कर्मचारी नेता सुरेश व्यास ने स्वागत उद्बोधन दिया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा अभियान के तहत बामनवाली, जलालसर तथा गोपल्यान के नवनिर्मित राजकीय विद्यालय भवनों का लोकार्पण किया गया। उन्होंने मुख्य प्रशासनिक भवन का अवलोकन तथा निदेशालय परिसर में पौधारोपण किया।

प्रो. देवनानी ने की जनसुनवाई

शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. देवनानी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक के कक्ष में आयोजित जनसुनवाई में कर्मचारियों व विभिन्न संगठनों की समस्याएं सुनीं। जनसुनवाई में तबादले, पदौन्नति, अनुकम्पात्मक नियुक्ति, रिक्त पदों पर नियुक्ति, पीटीआई पदों को भरने, आरटीई भुगतान, सातवें वेतन आयोग का लाभ केन्द्र सरकार के अनुरूप देने आदि शिकायतें एवं समस्याएं रखीं। देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार आगामी समय में पीटीआई के पदों को भरने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। देवनानी ने विभिन्न समस्याओं के नियमबद्ध निस्तारण का आश्वासन दिया। इस अवसर पर निदेशक पी सी किशन, निदेशक माध्यमिक नथमल डिडेल, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद उपस्थित थे।

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