क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान को भी मिले पुरस्कार
राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात नाट्य लेखक व प्रशिक्षक उमेश कुमार चौरसिया द्वारा लिखित एवं निर्देशित ऑडियो प्रोग्राम ‘गंगा की पुकार‘ को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा उच्च माध्यमिक स्तर वर्ग के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑडियो का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। भोपाल में आज 23 फरवरी को प्रख्यात फिल्म अभिनेता मुकेश खन्ना के आतिथ्य में हुए ‘22वें अखिल भारतीय बाल शैक्षिक श्रव्य-दृश्य महोत्सव एवं आईटीसी मेला 2018‘ में विविध अन्य पुरस्कारों के साथ यह घोषणा हुई। चौरसिया द्वारा नाट्यवृंद फिल्म्स के बैनर तले निर्मित इस ऑडियो प्रोग्राम में गंगा के उद्गम से लेकर वर्तमान तक की सम्पूर्ण गाथा को रोचक गीत-संगीत के साथ दर्शाते हुए अंत में गंगा में हो रहे प्रदूषण के कारण मोक्षदायिनी माँ गंगा की पीड़ा को भी बताया गया है। इससे विद्यार्थियों और आमजन को गंगा को प्रदूषण से बचाने की प्रेरणा मिलती है। उल्लेखनीय है कि उमेश कुमार चौरसिया सात से अधिक वर्षाें से एनसीईआरटी के साथ जुड़कर शिक्षा में नाट्यविधा के प्रयोग हेतु प्रशिक्षण देते रहे हैं। इस महोत्सव में चौरसिया की दो लघु फिल्म ‘डाक टिकिट‘ और ‘बूढ़़ी काकी‘ को भी नोमीनेट किया गया था।
इसी कार्यक्रम में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान द्वारा प्राचार्य प्रो. जी विश्वनाथप्पा के निर्देशन में प्रो पी के चौरसिया द्वारा निर्मित वीडियो प्रोग्राम ‘डाइजेशन इन ह्यूमन‘ और ‘कोंग्रूएंसी ऑफ ट्रायंगल‘ को भी विशेष जूरी पुरस्कार से नवाजा गया है। ये कार्यक्रम जीवविज्ञान और गणित विषयों से संबंधित हैं, जिनसे विद्यार्थी सरलता से कठिन पाठ को समझ सकते हैं।