अजमेर 27 फरवरी। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा है कि किसी भी परीक्षा की विष्वसनीयता तभी श्रेष्ठ मानी जा सकती है तब वह परीक्षा अनुचित साधनों से विहिन और पारदर्षी हो। परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों के सामने तकनीक के इस युग में परीक्षाओं के दौरान अनुचित साधनों पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौति है। दिन प्रतिदिन उन्नत होती जा रही तकनीक के बल पर अनुचित साधनों के माध्यम से परीक्षार्थी सफलता के सपने संजोने लगते है, जो समाज के लिए घातक है। परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने में सजग वीक्षक और नकल व अनुचित साधनों की रोकथाम के लिये गठित उड़नदस्तों की महती भूमिका होती है। इन परीक्षाओं के निर्विध्न संचालन के संबंध में शिक्षकों का दायित्व और बढ़ जाता है। गत वर्ष बोर्ड परीक्षा में नकल प्रकरणों के ग्राफ में भारी गिरावट का कारण बोर्ड की व्यवस्थाओं के साथ-साथ समाज में जागरूकता भी एक महत्वपूर्ण कारक रहा है।
प्रो. चौधरी मंगलवार को बोर्ड के राजीव गांधी सभागार में बोर्ड परीक्षा-2018 के लिये गठित विशेष उड़नदस्तों के संयोजकों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि उड़नदस्तें जिले के अंदरूनी और दूर-दराज के हिस्सों में स्थित परीक्षा केन्द्रों का विशेष रूप से निरीक्षण करें। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों का सघन और सतत् निरीक्षण किया जायें। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा 75 विशेष उड़नदस्ते गठित किये जा रहे हैं, जिसमें चार महिला उड़नदस्तें भी है। प्रत्येक जिले में न्यूनतम एक विशेष उड़नदस्ता गठित किया गया है और संवेदनशील और बड़े जिलों में दो से अधिक विशेष उड़नदस्तें गठित किये गये हैं। यह उड़नदस्ते शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा गठित उड़नदस्तों के अतिरिक्त होंगे। उन्होंने उड़नदस्तों को निर्देशित किया कि वे प्रतिदिन चार-पांच परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण करें।
बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा कि उड़नदस्तों का दायित्व है कि वे अपने क्षेत्रों के प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें। किसी भी परीक्षा केन्द्र पर पहुंचने से पूर्व परीक्षा केन्द्र के बाहर का सूक्ष्म निरीक्षण कर यह भी देखें की बाहरी तत्वों का परीक्षा केन्द्र के अन्दर दखल न हो। परीक्षा उड़नदस्ते के सदस्य परीक्षा केन्द्र के निरीक्षण के दौरान बैठक व्यवस्था के निर्धारित मापदण्डों की पालना, फर्नीचर और लाईट व्यवस्था पर भी अपना ध्यान केन्द्रित करें ताकि स्कूली विद्यार्थिंयों को परीक्षा देने में परेशानी न हो। विशेष उड़नदस्ते फील्ड में बोर्ड की आँख, नाक और कान है इसलिये वे अपनी समेकित रिपोर्ट से आगामी परीक्षा व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार के लिये बोर्ड को सारगर्भित सुझाव भी दे। परीक्षा लेने वाली संस्थाओं के सामने नवीन इलेक्ट्रोनिक उपकरणों ने परीक्षाओं में नकल व अनुचित साधनों पर अंकुश लगाने के संबंध में चुनौती पैदा कर दी है, परन्तु राजस्थान बोर्ड ने इस चुनौती से पार पाते हुए इस वर्ष रीट परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों के साथ-साथ वीक्षकों और केन्द्राधीक्षकों पर भी इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के उपयोग पर पूर्णतयाः प्रतिबन्ध लगाया था, जो कि कारगर साबित हुआ। उन्होंने कहा कि उड़नदस्तें परीक्षा केन्द्रों पर लगाये गये सी.सी.टी.वी. कैमरा और विडियोग्राफी व्यवस्था के निर्धारित मानकों की भी जांच करे।
बोर्ड के निदेशक (गोपनीय) जी.के. माथुर ने कहा कि उड़नदस्तों द्वारा प्रतिदिन परीक्षा प्रारम्भ होने से 45 मिनट पूर्व एक परीक्षा केन्द्र पर प्रश्न-पत्र खोलने, वितरण व अन्य व्यवस्थाओं आदि का निरीक्षण किया जाये। समय-समय पर पुलिस थाना/पुलिस चौकी जहां पर प्रष्न-पत्र रखे है वहां से पेपर कॉडिनेटर द्वारा प्रष्न-पत्र वितरण की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जावे। एकल अथवा नॉडल ऐसे परीक्षा केन्द्र जहां पर प्रष्न-पत्र परीक्षा केन्द्र पर ही रखे है, वहां की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण रात्रि समय में भी किया जाये। परीक्षा के दौरान किसी भी परीक्षा केन्द्र पर इन्टरनेट, फोटोस्टेट और हॉस्टल चलाने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।
बैठक को विषेषाधिकारी परीक्षा-श्रीमती प्रिया भार्गव और वित्तीय सलाहकार-श्रीमती आनन्द आशुतोष ने भी सम्बोधित किया। बैठक का संचालन उपनिदेशक (जनसम्पर्क)- राजेन्द्र गुप्ता ने किया।
उप निदेषक (जनसम्पर्क)