सहगल को राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा ‘कन्हैयालाल सह्ल पुरस्कार’

सहगल की पत्नी श्रीमती कमला सहगल मुंह मीठा कराते हुए
बीकानेर/ 8 मार्च/ प्रख्यात कथाकार हरदर्शन सहगल को राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा ‘कन्हैयालाल सह्ल पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। इसी माह आयोजित होने वाले अकादमी के वार्षिक अधिवेशन में यह सम्मान बीकानेर के सहगल को यह सम्मान उनकी आत्मकथा ‘डगर डगर पर मगर’ के लिए अर्पित किया जाएगा। अकादमी अध्यक्ष इंदुशेखर तत्पुरुष ने बताया कि इसमें अकादमी की ओर से 31 हजार रुपये की राशि, प्रमाण-पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाता है।
हरदर्शन सहगल का जन्म 26 फरवरी, 1935 कुंदियां, जिला मियांवाली (अब पाकिस्तान) में हुआ, वे रेलवे विभाग से सेवानिवृत्ति के बाद बीकानेर में रह कर स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। उनके मौसम, टेढ़े मुंह वाला दिन, मर्यादित, सरहद पर सुलह, मिस इंडिया : मदर इंडिया, प्रेम संबधों की कहानियां एवं तीसरी कहानी कहानी संग्रह तथा गोल लिफाफे नामक हास्य संस्मरण संग्रह प्रकाशित है। झूलता हुआ ग्यारह दिसम्बर व्यंग्य कथा-संग्रह एवं सफेद पखों की उड़ान, टूटी हुई ज़मीन (देश विभाजन पर) कई मोड़ो के बाद (स्त्री विमर्श) आदि अनेक कृतियों के लेखक सहगल के छोटे कदमःलम्बी राहें, मन की धंटियाँ के अतिरिक्त अनेक बाल उपन्यास, नाटक आदि प्रकाशित है। हरदर्शन सहगल के व्यक्तित्व एंव कृतित्व पर डाँ उमाकांन्त गुप्त द्वारा मोनोग्राम भी राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित हुआ है। देश विभाजन पर लिखे उपन्यास ‘टूटी हुई ज़मीन’ का गुजराती में अनुवाद भी प्रकाशित हुआ है।

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