हसन चिश्तीअजमेर, 7 मई । महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी के गद्दीनशीन एस. एफ. हसन चिश्ती ने कहा है कि देश में किसी भी धार्मिक प्रार्थना की वजह से किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिये। आपत्ति करने से पहले ये जानना जरुरी है कि हम लोकतंत्र में रहते है जिसमें संविधान भी अपने-अपने धर्म के अनुसार अपनी-अपनी प्रार्थना करने की पूरी-पूरी आजादी देता है। लेकिन इस्लाम धर्म हमेशा से उस बात को रोकता है जिसकी वजह से किसी दूसरे को कोई कठिनाई होती हो। ऐसी सूरत में हर धर्म के मानने वालों को प्रार्थना करने के लिए अगर कोई जगह कम पड़ती है (नमाज पढऩे या प्रार्थना करने) तो उसे कानूनी तौर पर जगह उपलब्ध करवानी चाहिये। जिससे किसी को भी कोई परेशानी ना हो । साथ ही राजनीतिक दलों से भी अपील है कि वे हर धार्मिक मुद्दे को सियासत से जोड़कर ना देखें ।