बीकानेर। जामा मस्जिद के इमाम 84 वर्षीय गुलाम अहमद फरीदी का निधन हो गया। उनके न रहने की खबर से शोक की लहर पुरे राजस्थान मे फैल गई । उनकी छटी पीढ़ी जामा मस्जिद मे ईमामत करती आरही है। वे जनवरी 1935 मे बीकानेर मे पैदा हुवे तथा धार्मिक शिक्षा सम्भल मदरसा यू.पी. से हासिल की । पिता के सानिध्य मे उन्होंने नमाज पढाना, तकरीर, करने की जिम्मेदारी से ईमामत का काम शुरू कर दिया था। वे हमेशा समाज मै फैल रही कुरूतियों को मिटाने का सन्देश देते थे । बीते महीने 22 अप्रेल को हस्नैन ट्रस्ट में शादियों मे डी.जे.व आतिशबाजी, फिजुल खर्चों पर एव 30 अप्रेल को सुलेमानी लाईब्रेरी का उद्धाटन के अवसर पर दीन व दुनियावी शिक्षा पर आखिरी भाषण दिया। उनके जनाजे की नमाज़ जामा मस्जिद मे 6 बजे शाम अदा की गई जो उनके लड़के कारी मोहम्मद असगर ने पढाई । उन्हें सुपुर्दे खाक करबला मोहल्ला व्यापारीयान में किया गया ।
इस मौके पर शहर काजी मुस्ताक अहमद, मुफ्ती जुन नुरैन,मोलाना नसीरू दीन, मोलाना फयियाज कौसर, मोलाना अब्दुल वाहिद अशरफी, मोलाना नोशाद,हाफिज मुनिर, हाफिज उस्मान, मोलाना ईकरामु दीन,बीकानेर शहर के सभी मस्जिदो के ईमाम,सभी मदरसों के छात्र, ग्रामीण क्षेत्र, नागोर,जोधपुर, चुरू के व सभी मोहल्लों के गण मान्य लोग शामिल हुवे ।
शोक प्रकट करते हुवे डा.कल्ला ने कहा ईमाम एक नेक ईन्सान थे और दुनिया मे अपने नैक कामो से जाने जाते थे।
पूर्व महापौर मकसूद अहमद ने शोक प्रकट करते हुवे कहा ईमाम के निधन की क्षति बीकानेर को ही नही पूरे राजस्थान को हुई है ।
– मोहन थानवी