बीकानेर। राज्य सरकार की पालनहार योजना के माध्यम से बीकानेर की सुमन का अपने बच्चों को शिक्षित करने का सपना साकार हुआ है।
30 वर्षीया सुमन के पति की साढे़ चार वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई थी। उसके पति मजदूरी करते थे। उसके चार बच्चे हैं, रोहित 10 साल का, सुनील 9 का, नवरत्न 8 का व कोमल 7 साल की। सुमन अशिक्षित महिला है व घर में कमाने का और कोई जरिया नहीं था। सुमन चाहती थी कि उसके बच्चे ंउसकी तरह अशिक्षित ना रहें, पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनें, पर उसे कोई राह नजर नहीं आ रही थी। ऐसे में उसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पालनहार योजना की जानकारी मिली। उसके तीन बच्चों को पालनहार योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 1-1 हजार रूपये प्रत्येक बच्चे के लिए मिलने लगे, जिससे उसकी अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने की इच्छा पूरी हो सकी। इसके साथ ही उसके तीनांे बच्चों को आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत स्तरीय विद्यालयों में प्रवेश मिला, जहां उनकी फीस नहीं देनी पड़ रही।
सुमन को मुख्यमंत्राी एकल नारी सम्मान पेंशन योजना के तहत 500 रूपये प्रतिमाह भी मिल रहे हैं। वह अब एक सरकारी विद्यालय में पोषाहार बनाने का कार्य करने लगी है, साथ ही घर से ही छोटे-मोटे काम कर लेती है, जिससे वह अपने पैरों पर खड़ी हो गई है। वो राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहती है कि अगर सरकार का सहारा नहीं होता, तो वह अपने बच्चों को पढ़ा नहीं सकती थी और उसके बच्चे भी उसकी तरह अशिक्षित रह जाते।
अब सुमन की आंखों में अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के सपने तैर रहे हैं।
–शरद केवलिया
सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, बीकानेर