समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने उससे एक साक्षात्कार में कहा है कि सरकार नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक (सीएजी) में बदलाव के लिए शुंगलू समिति के सुझावों को लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है.
पूर्व सीएजी वीके शुंगलू ने सुझाव दिया है कि सीएजी को बहु-सदस्यीय संस्था बनाया जाना चाहिए.
शुंगलू के अनुसार ”मौजूदा एक सदस्यीय सीएजी की तुलना में तीन सदस्यीय बॉडी अपने काम में ज्यादा पारदर्शी होगी.”
रविवार को पीटीआई में इस ख़बर के आने के बाद नारायणसामी ने इसका खंडन किया था, लेकिन पीटीआई ने बयान जारी कर कहा था कि वो अपनी ख़बर पर क़ायम हैं.
पीटीआई के अनुसार उसी साक्षात्कार में नारायणसामी ने सीएजी बहुत ‘उतावले’ हो गए हैं और वे चाहते हैं कि सारी संवैधानिक संस्थाएं उनके अंतर्गत काम करें.
नारायणसामी ने मौजूदा सीएजी विनोद राय के ज़रिए कई मुद्दों पर हाल ही में दिए गए बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.
हालाकि उन्होने ये भी कहा था कि वे विनोद राय की आलोचना नहीं कर रहे, वे सिर्फ़ इतना कह रहें हैं कि सरकार के हर अंग को अपने दायरे में रह कर ही काम करना चाहिए.
आलोचना
लेकिन नारायणसामी के इस बयान की तीव्र आलोचना हुई है.
प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने सरकार के इस सुझाव को बहुत ही ख़राब विचार और असंवैधानिक क़रार दिया है.
यशवंत सिन्हा का कहना था, ”सीएजी की तुलना चुनाव आयोग से नहीं की जा सकती है और उसे बहु-सदस्यीय नहीं बनाया जा सकता है. मेंरा मानना है कि ये क़दम मौजूदा सीएजी का मुंह बंद कराने और संस्था को कमज़ोर करने की कोशिश है. वे सीएजी संस्था को ख़त्म कर देना चाहते हैं.”
जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि सीएजी की रिपोर्टों के कारण सरकार उसकी स्वायत्ता और अधिकार को कम कर देना चाहती है.
स्वामी ने कहा कि सरकार को शुंगलू समिति की रिपोर्ट को नहीं लागू करना चाहिए.
टीम अन्ना की सदस्य किरन बेदी ने कहा कि सीएजी के ज़रिए किए गए बेहतरीन कामों के कारण सरकार को जो शर्मिंदगी हुई है उसी वजह से वो इसमें बदलाव करना चाहती है.
बेदी के अनुसार सीएजी के कारण ही हाल के दिनों में कई घोटाले सामने आए हैं. पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त एन विट्ठल ने कहा कि सरकार के इस क़दम से सीएजी की संस्था कमज़ोर होगी.
लेकिन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई क़रैशी ने कहा है कि अगर सीएजी में एक से अधिकर सदस्य होंगे तो वो संस्था और अधिक मज़बूत होगी.
बहु-सदस्यीय चुनाव आयोग का हवाला देते हुए कुरैशी ने कहा, ”मैं किसी समयसीमा के बारे में अपनी प्रतिक्रिया नहीं दूंगा लेकिन सीएजी को बहु-सदस्यीय बनाने से ज़्यादा फ़ायदा होगा.”