बाड़मेर, 28 जुलाई। सीमा सुरक्षा बल की 115 वाहिनी की ओर से रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के 100 जवानांे ने रक्तदान किया।
सीमा सुरक्षा बल 115 वाहिनी के कमांडेंट पी.के.शर्मा ने शनिवार को प्रातः 10 बजे रक्तदान शिविर का फीता काटकर उदघाटन किया। सीमा सुरक्षा बल के जवानांे ने रक्तदान करने के साथ आगामी समय मंे भी रक्त की जरूरत पड़ने पर रक्तदान के लिए तत्पर रहने का भरोसा दिलाया। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट पी.के.शर्मा ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल सरहद की हिफाजत के साथ आमजन की हरसंभव मदद के लिए तत्पर रहता है। इस तरह के रक्तदान शिविर आयोजित करके जवानांे की भागीदारी के साथ आमजन को रक्तदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया जाता है। उन्हांेने बताया कि सीमा सुरक्षा बल की ओर से सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संचालित की जाती है। सरहदी इलाकांे के विद्यालयांे को गोद लेकर विद्यार्थियांे को पढ़ाने के साथ खेलकूद सामग्री वितरण एवं चिकित्सा शिविरांे का आयोजन किया जाता है। इस दौरान कमांडेंट पी.के.राय, द्वितीय कमान अधिकारी वीरेन्द्र कुमार, डा.मोतीलाल खत्री, एर्जूडेंट हिमान्द्रा समेत सीमा सुरक्षा बल के विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।
ईएलसी से युवा मतदाताआंे को मतदान प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा
बाड़मेर, 28 जुलाई। लीड इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब ईएलसी के जरिए प्रदेश के युवा मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम के मुताबिक लीड इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब ईएलसी अग्रणी निर्वाचक साक्षरता क्लब प्रदेश के भावी मतदाताओं को निर्वाचन और मतदान प्रक्रिया को समझाने में मददगार साबित होंगे। उनके अनुसार प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों और स्कूलों में ईएलसी काम करेंगे। इसके तहत सभी जिला निर्वाचन अधिकारी एक-एक कॉलेज में और प्रत्येक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी किसी एक स्कूल और मतदान केन्द्र में आदर्श ईएलसी की स्थापना करेंगे। प्रदेश के सभी क्लबों के लिए ये ईएलसी मॉडल का काम करेंगे और उन्हीं की तर्ज पर काम भी करेंगे। यह क्लब मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से सीधे संबद्ध रहकर काम करेंगे। क्लब के माध्यम से प्रदेश के भावी मतदाताओं को भारतीय लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया के संबंध में सतत् जानकारी दी जाएगी। इनका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के बीच निर्वाचन का ऐसा सकारात्मक माहौल तैयार करना है जिससे कोई भी युवा 18 वर्ष की उम्र पूरी होते ही अपना नाम मतदाता सूची में जुडवाएं और अपने मताधिकार का भी इस्तेमाल कर सके।
