केकड़ी 11 अगस्त।
केकड़ी नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों का 26 दिनों से चल रहा आंदोलन अब शीघ्र ही हल होने के आसार बने हैं। क्षेत्रीय विधायक एवम संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम ने बांसवाड़ा से 10 दिन बाद लौटते ही हरकत में आकर प्रकरण में सफाई कर्मियों के शिष्ठ मंडल सेबात की फिर उनके सामने ही स्वायत शासन मंत्री श्री चंद कृपलानी से बात की। इसके बाद मंत्री श्रीचन्द कृपलानी ने विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा को केकड़ी नगरपालिका में सफाई कर्मचारियों की भर्ती में बरती गई अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री कृपलानी के आदेश के बाद विभाग द्वारा सोमवार को मामले की जांच के आदेश जारी हो जाएंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार स्वायत्त शासन विभाग द्वारा बनाई जाने वाली जांच कमेटी में राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के जयपुर कार्यरत एक उच्चाधिकारी, अजमेर के विभागीय उप निदेशक व अधिशाषी अधिकारी को शामिल किया गया है वहीं सफाई कर्मचारियों में से भी 2-3 प्रतिनिधियों को इस जांच कमेटी में सदस्य बनाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि यहां नगर पालिका में सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली व अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए जांच की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी पिछले 26 दिनों से यहां पालिका के बाहर धरने पर बैठे हैं। इस मामले में विगत दिनों सफाई कर्मचारियों का एक शिष्टमंडल विधायक शत्रुघ्न गौतम से मिला था तथा मामले की जांच कराने की मांग की थी जिसपर विधायक गौतम ने एसडीएम व अधिशाषी अधिकारी को नियमानुसार जांच के निर्देश दिए थे लेकिन नियुक्तियां राज्य सरकार द्वारा दिये जाने की वजह से जांच स्थानीय स्तर पर न होने और विभाग द्वारा ही जांच का अधिकार होने की जानकारी मिलने पर मामला अटक गया। इसी दौरान विधायक गौतम मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा में बांसवाड़ा चले गए जो 10 दिन बाद परसों ही लौटे, ।उन्होंने आते ही सर्वप्रथम सफाई कर्मचारियों के शिष्टमंडल को बुलाकर उनसे बातचीत की तथा उनके सामने ही स्वायत्त शासन मंत्री कृपलानी से बात कर सफाई कर्मचारियों की मांग के अनुसार मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने को कहा इस पर मंत्री कृपलानी ने शिष्टमंडल को जयपुर भेजने को कहा। मंत्री के कहने पर शुक्रवार को यहां से शिष्टमंडल जयपुर सचिवालय पहुंचा और वहां मंत्री को मामले की विस्तृत जानकारी दी जिस पर मंत्री कृपलानी ने विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा को गम्भीरता से जांच करने के आदेश दिए। सम्भवतः सोमवार को जांच कमेटी गठित कर जांच प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि सफाई कर्मचारी वाल्मिकी समाज का आरोप है कि सफाई कर्मचारियों की नियुक्तियों में अन्य समाज के लोगों को भी शामिल किया गया है जो उनके समाज के साथ अन्याय है इस आरोप के मामले में हमनें जानकारी की तो पता चला कि ये नियुक्तियां सरकारी है इसलिए इसमें सभी समाज के लोगों को नोकरी के लिए आवेदन करने का अधिकार है हालांकि इस नोकरी के लिए अलग अलग समाज के लोगों के लिए नोकरियां आरक्षित की गई हैं। नियमों के अनुसार केवल वाल्मिकी समाज य्या अनुसूचित जाति के लोगों को ही शत प्रतिशत नोकरी नहीं दी जा सकती। ज्ञात रहे आरक्षण के चक्कर मे पहले सफाई कर्मचारियों की भर्ती का मामला न्यायालय में चला गया था जिसकी वजह से सफाई कर्मचारियों की भर्ती का मामला अटक गया। उधर इस मामले में पिछले दिनों नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल चौधरी के धरने पर बैठे सफाई कर्मचारियों की समस्या हल कराने व कांग्रेस का साथ उनके साथ होने का वादा कर केवल धरना स्थल पर उनके साथ अपनी फ़ोटो खिंचवाने व समाचारों में सुर्खियां बटोरने के बाद मेरे द्वारा लिखे गए ब्लॉग में पार्टी की किरकिरी होते देख पुनः पार्टी की साख बचाने के लिए कांग्रेस के नेता एक बार फिर से उनके समर्थन में उतरते नजर आए। कल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने धरना स्थल पर धरने पर बैठे सफाई कर्मचारियों से बातचीत की तथा बाद में भर्ती प्रक्रिया में धांधली व अनियमितता की जांच की मांग करते हुए राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। कांग्रेस के नेता इस मामले में हमदर्दी दिखाकर वाल्मिकी समाज में ये सन्देश देने की कोशिश कर रहे है कि केवल कांग्रेस ही दलित वर्ग के साथ है। खैर विधानसभा चुनाव नजदीक हैं राजनीति होना तो स्वभाविक है। मगर ये तय है कि विधायक शत्रुघ्न गौतम द्वारा मामले के निस्तारण में व्यतिगत रूप से रुचि लिए जाने से शीघ्र सफाई कर्मचारियों को राहत मिलने के आसार बने है।