एमजेएसए जन-जन का अभियान व आंदोलन-जिला कलक्टर

एमजेएसए का चतुर्थ चरण प्रारम्भ, रूणिया बड़ाबास में जिला स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित
बीकानेर, 3 अक्टूबर। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान का चतुर्थ चरण बुधवार को शुरू हुआ। जिला स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम बीकानेर पंचायत समिति के रूणिया बड़ाबास में जिला कलक्टर डॉ. एन.के. गुप्ता, बीकानेर पंचायत समिति प्रधान राधा देवी सियाग की उपस्थिति में, कृष्णदास जी महाराज राजेरा के सन्त सानिध्य मंे आयोजित हुआ।
इस अवसर पर जिला कलक्टर डॉ. एन.के. गुप्ता ने कहा कि यह अभियान केवल एक सरकारी योजना न होकर जन-जन का अभियान एवं आन्दोलन है। जिले में इस अभियान को अब तक जनसामान्य की सहभागिता, धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं, सीएसआर, उद्योग जगत आदि से प्राप्त सकारात्मक सहयोग के कारण आशातीत सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि पानी के संरक्षण के प्रति आमजन में जागरूकता की और आवश्यकता है। आगामी चरण में निर्धारित लक्ष्यों के साथ जागरूकता के लिए कार्य किए जाएं। उन्होंने विभिन्न संस्थाओं को अभियान से जुड़ने की अपील की।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत सिंह राजावत ने कहा कि जल स्वावलम्बन अभियान के तहत अब तक हुए कार्यों से जिले के गांव पेयजल के क्षेत्रा में आत्मनिर्भर हुए हैं। लोग इस अभियान से व्यक्तिगत रूप से भी प्रेरित हुए हैं। उन्होंने अधिकाधिक ग्रामीणों से इस कार्य से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि अभियान का उद््देश्य प्रत्येक व्यक्ति को जल की महत्ता के प्रति जागरूक करना है। सामाजिक, धार्मिक संगठन इस कार्य से जुड़ते हुए अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया। बीकानेर पंचायत समिति प्रधान राधा देवी सियाग ने कहा कि एमजेएसए माननीय मुख्यमंत्राी द्वारा दूरगामी सोच के तहत प्रारम्भ की गई एक अभिनव पहल है। उन्होंने कहा कि जिले के रेगिस्तानी क्षेत्रा में कम वर्षा के मददेनजर इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। अधिकतम संभव जल संचय एवं संग्रहण यहां के लिये प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि आमजन भी कुण्ड निर्माण कर जल सहजें तथा ग्रामीण अपने गांवों में जोहड़, नाडी, तालाब आदि का निर्माण करवा कर वर्षा जल का संरक्षण करंे।
अधीक्षण अभियंता वाटरशैड भागीरथ बिश्नोई ने मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की अवधारणा, उद्देश्य, राज्य एवं जिले में अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक संपादित तीन चरणों में 70 गांव लाभांवित हुए है, जिनमंे लगभग 150 करोड रू. व्यय कर 12 हजार से अधिक स्ट्रेक्चर बनाये गये है। इन स्ट्रक्चर्स मंे लगभग 100 करोड़ लीटर से अधिक वर्षा जल संचय हो रहा है। साथ ही जिले में एक लाख से अधिक पौधों का रोपण किया गया है।
इससे पूर्व कार्यक्रम में स्थानीय सरपंच मुक्ता शर्मा ने सभी आगन्तुकों का स्वागत अभिनन्दन किया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत में ”लाटा तलाई निर्माण एवं पायतन सुधार का कार्य प्रारम्भ हुआ। लाटा तलाई के प्रस्तावित निर्माण का शिलालेख अनावरण कर कार्य शुभारंभ किया गया तथा तलाई में अतिथियों व ग्रामवासियों ने श्रमदान किया। कार्यक्रम में स्थानीय भामाशाहों ने 51,000 रू. के नकद सहयोग की घोषणा भी की।
इस अवसर पर अधिशाषी अभियंता सुरेश खत्राी, अधिशाषी अभियंता यशपाल पूनियां, भू-जल वैज्ञानिक शंकरलाल सोनी, विकास अधिकारी पंचायत समिति बीकानेर रामेश्वर बेनीवाल तथा जनप्रतिनिधियों मंे जिला परिषद सदस्य कुंभाराम, भागीरथ मूण्ड, सरपंच शेरेरां, राजेरा, हेमेरां, खारडा आदि के साथ बड़ी संख्या में ग्रामवासियों ने भाग लिया।
चतुर्थ चरण के शुभारंभ के तहत जिले की सभी पंचायत समितियों में चयनित गांवों के कार्यस्थल पर ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम तथा लाभांवित सभी 13 ग्राम पंचायतों में पंचायत स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम भी आयोजित हुए, जिनमें क्षेत्राीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं ग्रामवासियों ने भाग लिया।
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भामाशाह रोजगार सृजन योजना के आवेदकों के साक्षात्कार गुरूवार को
बीकानेर, 3 अक्टूबर। भामाशाह रोजगार सृजन योजना के तहत जिन आवेदकों ने 15 सितम्बर तक ऑनलाईन आवेदन किया व जिनके आवेदन पत्रा जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय द्वारा स्वीकार कर लिए गए। उनके साक्षात्कार 5 अक्टूबर को केन्द्र के कार्यालय में प्रातः 10 बजे से आयोजित किये जाएंगे। जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक आर के सेठिया ने बताया कि आवेदकों को एसएमएस के माध्यम से सूचना भिजवाई जा चुकी है। साक्षात्कार के लिए आवेदकों को अपने मूल दस्तावेजों व दस्तावेजों की स्वप्रमाणित छायाप्रति दो कॉपी में तथा दो फोटो के साथ कार्यालय में उपस्थित होना है।
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कैंसर रोग पहचान, जांच एवं परामर्श शिविर आयोजित
बीकानेर, 3 अक्टूबर। जिला एनसीडी इकाई और जिला चिकित्सालय के संयुक्त तत्त्वावधान में बुधवार को जिला चिकित्सालय में कैंसर रोग पहचान, जांच एवं परामर्श शिविर आयोजित किया गया।
एसडीएम राजकीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल हटीला ने बताया शिविर के दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा रोगियों की जांच कर रोग के लक्षणों एवं बचाव के उपायों की जानकारी दी गई। शिविर में 203 रोगियों की स्क्रीनिंग की गई। 5 महिलाओं में वाईट डिजेज पाई गई, जिनका पेप्समीयर जांच के लिए लिया गया। मधुमेह के लिए 48 रोगियों की जांच की गई। उच्च रक्तचाप के 51 मरीजों की जांच में 2 नए मरीज मिले, जिन्हें मौके पर उपचार व परामर्श दिया गया। 8 मरीजों की ईसीजी व 8 रोगियों की लिपिड प्रोफाइल किया गया। डेंटल विभाग में 42 रोगियों की स्क्रीनिंग की गई। 1 फेब्नोएडोनेसिस का तथा 1 रोगी के ब्रेस्ट में लिम्फ पाया गया।
शिविर में डॉ. एम. एस. राजपुरोहित, डॉ. इंदू दायमा, डॉ जसविन्द्र गिल, डॉ मीना चढ्ढा, डॉ अमृता भार्गव, एनसीडी के जिला कार्यक्रम समन्वयक इंद्रजीत सिंह ढाका, उमेश कुमार, पुनित रंगा, धन्नाराम, जावेद ने सेवाएं दीं।

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