जिस तरह से बिनीता जैन ने अपने ज्ञान के बलबूते पर एक के बाद एक आने वाले प्रश्नों का उत्तर दिया वह वाकई में काबिलेतारीफ है। खासकर उन तमाम महिलाओं के लिए सबक हैं, जो अपने को एक महिला होने के नाते कमजोर समझती है और साथ में उन समस्त लोगों की दकियानूसी सोच पर कड़ा प्रहार है, जो बालिकाओं को पराया धन समझकर उनकी शिक्षा पर ग्रहण लगाते हैं। बिनीता जैन ने शो के दौरान बताया कि उनकी शादी वर्ष 1991 में हुई थी और 6-7 साल के अंदर वह बेटे रोहित और बेटी काव्या की मां बन गयीं। इसके बाद 2003 में पति बिजनेस के सिलसिले में बाहर गये, तभी आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था। तब से अब तक उनका कोई अता-पता नहीं है। अकेलेपन से जूझने और डिप्रेशन से बचने के लिए वह ट्यूशन पढ़ाने लगीं। उनकी मानें तो वे पढ़ा भी रही हैं और पढ़ भी रही हैं। उन्होंने बताया कि जल्दी शादी होने की वजह से वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पायी थीं, इसलिए अब आगे पढ़ने का फैसला लिया। निःसंदेह,बिनीता जैन ने ऐसा करके साबित कर दिया कि पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और धैर्य, लगन व कठिन परिश्रम के साथ किसी भी परिस्थिति में अपने हुनर को सिद्ध किया जा सकता है। पति के अपहरण के बाद उनके अभाव में घर, परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी को निभाते हुए जिस तरह से उन्होंने स्वयं को शिक्षित करने का निर्णय लिया वह उनकी जीवटता और जिजीविषा का प्रमाण है। शो के दौरान गेम के होस्ट महानायक अमिताभ बच्चन भी बिनीता जैन के जीवन संघर्ष और उनके प्रश्नों के उत्तर देने के तरीके के प्रभावित होकर उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पायें। इस तरह ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के इतिहास में बिनीता जैन ने एक करोड़ रुपए जीतने वाली पांचवीं महिला बनने का खिताब अपने नाम कर लिया।
इन सब के साथ ही ‘कब तक रोकेगे’ थीम पर आधारित केबीसी के इस दसवें संस्करण में शुरू किया नया सेगमेंट ‘करमवीर’ समाज के रियल हीरोज की प्रेरक कहानी देश और दुनिया के समक्ष लाने का एक बेहतर माध्यम बन चुका है। यह अच्छा है कि आज की टेलीविजन दुनिया में तरह-तरह के असांस्कृतिक व फूहड़ धारावाहिक व फिल्मों की बाढ़ आई हुई हैं, ऐसे में ‘कौन बनेगा करोड़पति’ जैसा शो ज्ञान के गुर सिखाने के साथ ही लोगों का शुद्ध मनोरंजन भी कर रहा है। इस शो को लंबे समय से होस्ट कर रहे ‘बीग बी’ यानी सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अपने प्रस्तुतिकरण से हर किसी को प्रभावित तो कर ही रहे हैं, साथ में हिन्दी का बेहतर प्रयोग करके उसे वैश्विक भी बना रहे है। अत: यह कहना गलत नहीं होगा कि केबीसी ने लोगों को एक ऐसा मंच उपलब्ध कराया, जहां वे अपने ज्ञान का लौहा मनवाकर दुनिया को अपना हुनर दिखाकर कह रहे हैं- तुम हालातों की भट्टी में…जब-जब भी मुझको झोंकोगे…तब तपकर सोना बनूंगा मैं… तुम मुझको कब तक रोकोगे…! इस शो में आने और धन जीतने के बाद बहुत से लोगों की जिंदगी बदल गई है।