223 मेडिकल विद्यार्थियों के 112 दल पहुंचे गाँवों में
बीकानेर। किसी भी परिवर्तन की शुरुआत पहले स्वयं से होती है, व्यक्तिगत स्वच्छता होगी तभी गाँव स्वच्छ होगा और गाँव स्वच्छ होगा तभी भारत स्वच्छ होगा ! इसी विचार को केंद्र में लेकर एस पी मेडिकल कॉलेज के 223 विद्यार्थी, 112 टीमों में विभक्त होकर जिले के चयनित 37 गाँवों में पहुंचे और व्यक्तिगत स्वच्छता को जीवन में उतारने का सन्देश दिया। सीएमएचओ डॉ. बी.एल. मीणा ने बताया कि स्वस्थ गाँव: स्वस्थ राजस्थान मूलमंत्र पर आधारित “निरामया” कार्यक्रम के तीसरे अभियान के तहत बुधवार को पर्सनल हाइजीन व स्वास्थ्य थीम पर जन जागरण किया गया। ग्रामीणों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, सेनीटेशन एंड हाईजीन व स्वस्थ जीवन शैली से जोड़ने का प्रयास किया गया व रोगों से बचाव के उपाय भी बताए गए। आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता ने बताया कि “निरामया” कार्यक्रम में मेडीकल कालेजों के विद्यार्थियों द्वारा आमजन को प्रिवेन्टिव हैल्थ केयर एंड हैल्दी लिविंग स्टाईल के बारे में जानकारियां दी जा रही हैं। प्राचार्य डॉ. आर.पी. अग्रवाल के निर्देशन में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज डॉ. अभिषेक क्वात्रा, डॉ. कीर्ति शेखावत व डॉ. लोकेश कुमार द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।
पर्सनल हाइजीन है स्वास्थ्य की कुंजी
आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने बताया कि पर्सनल हाइजीन थीम में मुख्यतः 7 बिन्दुओं पर व्यवहार परिवर्तन का प्रयास मेडिकोज द्वारा किया गया।
ऽ शरीर की सफाई- शरीर की सफाई हेतु नित्य स्नान करना महत्वपूर्ण है। सप्ताह में कम से कम एक दिन बालों को साबुन, शैंपू अथवा स्थानीय उपलब्ध सामग्री मुल्तानी मिट्टी आदि से धोना आवश्यक है।
ऽ मुख की सफाई के लिए दिन में एक बार टूथ पेस्ट अथवा दातून अवश्य करनी चाहिए। खाने के बाद दांत साफ करना एक अच्छी आदत है।
ऽ हाथ धोना – हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। खाना खाने, बनाने, परोसने से पहले, शौच के बाद साबुन से हाथ धोना स्वास्थ्य की कुन्जी है। इसके द्वारा हम अनेक बीमारियों पर नियंत्रण रख सकते हैं।
ऽ अपने पहले जाने वाले कपड़े की सफाई बहुत आवश्यक अन्तरंग वस्त्र और बाह्य वस्त्र दोनों की सफाई नित्य ही साबुन से की जानी चाहिए। एक ही वस्त्र को बिना धोए रोजाना पहनने से अनेक चर्म विकार हो सकते है।
ऽ हमें अपने सोने वाली जगह व बिस्तर की सफाई का भी ध्यान रखना आवष्यक है। जाहिर है एक बीमार व्यक्ति के बिस्तर में सोने वाला व्यक्ति अनेक संक्रामक बीमारियों को निमत्रंण दे सकता है।
ऽ हमे अपने धोए हुए कपड़ो को सूर्य की रोशनी में सुखाना चाहिए।
ऽ आंख, नाक, कान की सफाई का ध्यान रखना भी हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। अक्सर देखा गया है कि कान की सफाई हेतु नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल कर लेते है जो गलत है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर